COVID-19:जीव ही हो ना कोरोना ,रोता तो तू भी होगा ना ..
कोरोना विशेष श्रृंखला:
सोचता तो तू भी होगा ना
जीव ही हो ना कोरोना रोते तो तुम भी होगे ना ,
जब मजदूर होकर मजबूर अपने घर लौट रहा है, तब तू भी साथ चल रहा होगा ना,
जब गरीब रेल की पटरियों के सहारे अपना रास्ता चल रहा है, तब तू भी मजदूरों में अपना रास्ता ढूंढता होगा ना ,
जीव ही हो ना करोना सोचता तो तू भी होगा ना |
तू सोचता है ना तो सोचना कि तुम्हारा रास्ता हमारे मजदूरों और गरीबों के साथ चलता ही नहीं है |
तुम सोच ना एक बार, तब बताना हमें तुम्हें ,तुम्हारे सैर करने के लिए रास्ते बताएंगे,
मैं सोचता हूं ,तुम तो तेजी से फैल कर गोते लगाते हो ना |
सोचते तो तुम भी होगे ना किस दुनिया में आ गए तुम, जहां मुसीबत तुम्हारे साथ आ गई , सोचना और बताना |
पता है तुम्हें भी बुरा लगेगा, सुनो तब चुपचाप तुम अपने मन भर सागर में गोते लगाकर वापस चले जाना |
सोचता तो तू भी होगा ना ,जीव ही होना कोरोना रोता तो तू भी होगा ना |
~~ रोहित कुमार