COVID-19:गलगोटिया विश्वविद्यालय के उदासीन रवैए से छात्र परेशान
ग्रेटर नोएडा:देश इस समय कोरोना जैसी महामारी से जूझ रहा है वही इस समय गलगोटिया विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले छात्र विश्वविद्यालय प्रशासन के उदासीन रवैए से परेशान हैं.
“गलगोटिया विश्वविद्यालय मे विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा विद्यार्थियों को ईमेल भेज कर फीस जमा कराने का दवाब बनाया जा रहा है। साथ ही विश्वविद्यालय प्रशासन विद्यार्थियों से लेट फीस के नाम पर अतिरिक्त शुल्क मांग रहा है। साथ ही फीस जमा न कराए जाने की स्थिति में परीक्षा में न बैठने दिए जाने की धमकी दे रहा है। “
उक्त जानकारी गलगोटिया विश्वविद्यालय में पढ़ रहे छात्र ने दिया है.
विश्वविद्यालय से जुड़े एक दूसरे छात्र का कहना है कि मैं अभी ग्रेटर नोएडा में नहीं हूं और पूर्व में मैं नेट बैंकिंग के माध्यम से पैसा जमा किया था लेकिन लेनदेन की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई थी कुछ समस्या होने के कारण.मेरे अभिभावक को विश्वविद्यालय के अकाउंट कार्यालय में जाना पड़ा था ,जिसके बाद से मेरे अभिभावक हमेशा फीस का भुगतान चेक के माध्यम से ही करते हैं इसलिए मेरे अभिभावक भी चिंतित हैं.
वहीं इस मामले को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद गौतम बुध नगर के कार्यकर्ताओं ने जिला अधिकारी को ईमेल के माध्यम से इसका जानकारी दिया है जिसमें अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने निम्नलिखित बिंदुओं पर त्वरित कार्रवाई का अनुरोध किया है.
1. गलगोटिया विश्वविद्यालय द्वारा COVID – 19 के दौरान जो फीस विद्यार्थियों से विश्वविद्यालय प्रशासन ले रहा है। वह फीस विश्वविद्यालय इस समय नहीं ले। साथ ही आपसे आग्रह है कि विश्वविद्यालय एक सेमिस्टर की फीस इस महामारी के दौरान विद्यार्थियों से नया ले।
2. गलगोटिया विश्वविद्यालयविगत वर्षों से परीक्षा के समय उपसतिथि (अटेन्डन्स) के नाम पर अतिरिक्त शुल्क वसूल करता है। इस पर कार्यवाही हो।
3. गलगोटिया विश्वविद्यालय में पढ़ा रहे अध्यापकों का वेतन भी विश्वविद्यालय प्रशासनने रोक रखा है। जिससे उन्हे इस महामारी के समय आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। आप इस विषय को भी संज्ञान में लेकर तत्काल अध्यापकों का वेतन देने के लिए विश्वविद्यालय को सुनिश्चित करें।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में भारत सरकार के गृह मंत्रालय के द्वारा जारी सूचना में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि कोरोना जैसी महामारी के समय में किसी भी मजदूर या छात्र को परेशान ना किया जाए.