डायबिटीज और मोटापा संबंधी मल्टी स्पेशलिटी क्लिनिक का उद्घाटन किया गया

  • क्रिकेटर चेतन शर्मा एवम श्री अनिल झा ने डायबिटीज और मोटापा संबंधी क्लिनिक का उद्घाटन किया
  • लाइफस्टाइल संबंधी बीमारियों के बढ़ने के साथ, शुरुआती निदान आवश्यक
  • डायबिटीज क्लिनिक हर बुद्धवार को सुबह 9 बजे से 11 बजे तक खुला रहेगा
  • ओबेसिटी व लिपिड क्लिनिक हर शुक्रवार को सुबह 9 बजे से 11 बजे तक खुला रहेगा

नोएडा : बदलती जीवनशैली के कारण युवा आबादी लाइफस्टाइल की बिमारियों से घिरती जा रही है। इस स्थिति को देखते हुए, युवा आबादी को स्वस्थ जीवनशैली के बारे में जागरुक करने के उद्देश्य के साथ, यथार्थ सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल ने आज डायबिटीज और मोटापा संबंधी क्लिनिक का उद्घाटन किया।

इस अवसर पर चीफ गेस्ट के रूप में मौजूद श्री चेतन शर्मा, पूर्व क्रिकेटर, इंडियन टीम एवम श्री अनिल झा, एस पी ट्रैफिक पुलिस, नोएडा द्वारा इस क्लिनिक का उद्घाटन किया गया। डायबिटीज क्लिनिक हर बुद्धवार को सुबह 9 बजे से सुबह 11 बजे तक खुला रहेगा, जबकी ओबेसिटी व लिपिड क्लिनिक हर शुक्रवार को सुबह 9 बजे से सुबह 11 बजे तक खुला रहेगा।
इस सुविधा के साथ मरीजों को फिजीशियन, डायबिटोलॉजिस्ट और आई स्पेशलिस्ट से अपनी समस्या के बारे में साझा करने का अवसर मिलेगा, जहां उन्हें रोकथाम के तरीकों, इलाज, डाइट काउंसलिंग और मेडिकेशन के बारे में विस्तार से बताया जाएगा। इस क्लिनिक की खास बात यह है कि, यहां डायबिटिक और डिस्लिपिडेमिआ स्क्रीनिंग सभी के लिए डिस्काउंटेड रेट में उपलब्ध होंगी।

यथार्थ सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल की निदेशक एवं वरिष्ठ विशेषज्ञ, डॉक्टर मंजू त्यागी ने बताया कि, “डायबिटीज के बढ़ते मामलों की रोकथाम के लिए लोगों को रोकथाम के तरीकों और स्वस्थ जीवनशैली के बारे में जागरुक करने की सख्त आवश्यकता है। चूंकि, केवल नियमित रूप से स्क्रीनिंग की मदद से ही शुरुआती निदान संभव है, इसलिए डायबिटीज का पारिवारिक इतिहास रखने वाले लोगों को समय-समय पर जांच कराते रहना चाहिए। इस क्लिनिक के लॉन्च के साथ, डायबिटीज के मरीज शुरुआती निदान और समय पर इलाज के साथ एक बेहतर जीवन का आनंद ले सकते हैं।”

हालांकि, डायबिटीज के लिए उपलब्ध मेडिकेशन के क्षेत्र में हालिया प्रगति के साथ, आज उचित इलाज के लिए विभिन्न प्रकार के विकल्प मौजूद हैं, लेकिन दुर्भाग्य से भारत में, डायबिटीज के मरीज दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे हैं। हैरान करने वाली बात यह है कि 50 फीसदी मरीजों का निदान ही नहीं हो पाता है, जिसका मुख्य कारण जागरुकता में कमी है। परिणामस्वरूप, कार्डियोवस्कुलर डिजीज (सीवीडी), डायबिटिक रेटीनोपैथी, आर्ट्रियल डिजीज, डायबिटिक नेफ्रोपैथी आदि जैसी घातक बीमारियों के अलावा कई अन्य न्यरोलॉजिकल बीमारियां जन्म लेती हैं।
जहां, डायबिटीज साइलेंट किलर बीमारियों में शामिल होती है, वहीं मोटापा भी विभिन्न प्रकार की बीमारियों को जन्म देता है।

यथार्थ सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के प्रबंध निदेशक, डॉक्टर कपिल त्यागी ने बताया कि “भारत की युवा आबादी के बीच मोटापा एक बड़ी चिंता का विषय बन गया है। मोटापा लाइफस्टाइल से संबंधित एक गंभीर बीमारी है, जो डायबिटीज, दिल की बीमारियां, स्ट्रोक, जोड़ों की समस्या, लिवर डिजीज, विशेष अंगो के कैंसर (ब्रेस्ट कैंसर, पैंक्रिएटिक, एंडोमेट्रियम आदि) आदि जैसी गंभीर बीमारियों को जन्म देता है। इन बीमारियों से बचने के लिए लोगों को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के साथ, समय-समय पर स्क्रीनिंग भी कराते रहना चाहिए।”

एनएफएचएस (नेशनल फैमिली एंड हेल्थ सर्वे) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, 45 फीसदी पुरुषों और 49 फीसदी महिलाओं के साथ मोटापे से ग्रस्त सबसे ज्यादा लोग दिल्ली एनसीआर में पाए गए। इसके अलावा अधिकांश मोटे लोगों में ट्रंकल यानी की पेट का मोटापा एक आम समस्या थी, जहां बीएमआई 35 के लगभग पाई गई। मोटापा न सिर्फ बड़ों में, बल्कि 5 साल से कम उम्र के बच्चों में भी एक आम समस्या बनी हुई है। विश्वस्तर पर, 5 साल से कम उम्र के लगभग 4 करोड़ बच्चे मोटापे का शिकार हैं, जिसमें 50 फीसदी बच्चे भारत के शामिल हैं।

यथार्थ सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के निदेशक, यथार्थ त्यागी ने बताया कि, “पिछले 1 दशक में, डायबिटीज, उच्च रक्तचाप और मोटापा आदि जैसी लाइफस्टाइल संबंधी बीमारियां बहुत अधिक बढ़ गई हैं। भारत में, लाखों लोग डायबिटीज का शिकार हैं, जो एक बड़ी चिंता का विषय है। चूंकि, तीनों बीमारियां एक-दूसरे से संबंधित हैं, इसलिए लोगों के लिए शुरुआती निदान के महत्व को समझना बहुत जरूरी है। टेक्नोलॉजी और मेडिकल साइंस में प्रगति के साथ, ऐसी समस्याओं का सफल इलाज संभव है, लेकिन सही समय पर इलाज न कराने से शरीर के विभिन्न अंगो को नुकसान पहुंच सकता है।”

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