हनुमंत कथा में रैदास की कथा का वर्णन, कथावाचक कौशल जी महाराज बोले , मन चंगा तो कठौती में गंगा
कौशल जी महाराज ने आज रैदास की कथा का विस्तार पूर्वक वर्णन किया।रैदास जो चमड़े से बने जूते चप्पल का व्यापार करते थे।लेकिन सदैव प्रभु का स्मरण करते थे,इस प्रकार उन्होंने प्रभु का स्मरण कर चमड़े को धोने बाले पात्र (कठौती) में से एक कंगन से दो कंगन निकल दिये थे।
महावीर विक्रम बजरंगी
कुमत निवार सुमति के संगी
बजरंगबली महापराक्रमी व महावीर हैं।वो बुराइयों को दूर कर सद्बुद्धि प्रदान करने वाले हैं।
महाराज जी ने वर्णन किया नकारात्मक सोच नही होनी चाहिए। हमेशा शुभ सोचना चाहिये।मन का स्वभाब है कि नकारात्मक सोच आती है उसको दूर करने के लिए गुरु के नाम का सहारा लेना चाहिए। 24 घंटे में हर मनुष्य की जीभ पर 24 बार सरस्वती बैठती हैं।इसलिए शुभ सोचो ,असुभ विचार आने पर तुलसी जी का, ठाकुर जी का व अपने अपने गुरु का स्मरण करना चाहिए।
आज कथा में तेजपाल नागर(विधायक दादरी ),मनोज गुप्ता,आलोक गोयल,राकेश सिंघल,विजेंद्र भाटी,योगेंद्र कुमार,विकाश गर्ग,कुलदीप शर्मा,उमेश बंसल,सत्यप्रकाश अग्रवाल,मुकुल गोयल,सौरभ बंसल,पी पी मिश्रा,ऋषि त्यागी,ललित शर्मा,वेद प्रकाश,गौरव उपाध्याय,जितेंद्र त्रिपाठी,धनप्रकाश शर्मा,संजीव सालवान,सुरेश चंद पचौरी,राकेश तिवारी,रवि शर्मा,कपिल गुप्ता,वैभव बंसल ,जी पी गोस्वामी,धनप्रकाश शर्मा,अरविंद तिवारी,यतेंद्र शर्मा,के के शर्मा,अमित गोयल,अमित गौड़,बीना भाटी,सरोज तोमर,आदि लोग उपस्थित रहे।