जीएल बजाज में मैनेजमेण्ट प्रेक्टिसेस फार सस्टेनेबिलिटी पर अंतरष्ट्रीय सेमिनार
ग्रेटर नोएडा स्थित जीएल बजाज इन्स्टीट्यूट ऑफ़ मैनेजमेण्ट एण्ड रिसर्च (जीएलबीआईएमआर), अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन की श्रृंखला में चौथे अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन का विषय ‘‘मैनेजमेण्ट प्रेक्टिसेस फार सस्टेनेबिलिटीः इन्नोवेशेसन्स एण्ड रीइन्जिनियरिंग परस्पेक्टिव्स’’ था। इस सम्मेलन का उद्घाटन जीएल बजाज एजुकेशनल इन्स्टीट्यूशन्स के वाइस चेयरमैन पंकज अग्रवाल ने मुख्य अतिथि जी0आर0 राघवेन्दर, ज्वाइन्ट सेक्रेटरी मिनिस्ट्री आफ ला एण्ड एण्ड जस्टिस, भारत सरकार, सम्मानीय अतिथि महामहिम माइकल ए0एन0एन0 ओकाये, घाना हाई कमीशन, एवं जीएलबीआईएमआर के निदेशक डाॅ0 अजय कुमार के साथ दीप प्रज्वलित करके किया। इस सम्मेलन में देश-विदेश के शिक्षा एवं कारपोरेट जगत के प्रतिनिधियों, मीडिया एवं संस्थान के छात्र को मिलाकर 500 से अधिक लोगों ने भाग लिया। ज्ञातव्य हो कि जीएल बजाज संस्थान प्रतिवर्ष ऐसे अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलनों का सफल आयोजन करता रहा है।
इस अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में विभिन्न शिक्षा एवं अग्रणी कारपोरेट जगत के प्रतिनिधियों ने विशेषज्ञ वार्ताकार के रूप में भागीदारिता की, जिनमें श्री अनिल भसीन, प्रसिडेण्ट, हैवेल्स इण्डिया लिमिटेड, श्री बरूण अग्रवाल, मैनेजिंग डायरेक्टर, ब्रीद इजी लैब्स, श्री अरविन्द मेहरोत्रा, एडवाइजर, बिरला साफ्ट टेक्नाॅलाजीज, डाॅ0 लाॅरेण्ट गुराड, निदेशक-वटेल प्रोग्राम, अन्सल यूनिवर्सिटी, श्री अनिल कुमार सिंह, प्रोफेसर, फोर स्कूल आफ मैनेजमेण्ट, श्री पंकज मदान, फाइनेन्सियल कन्सल्टेण्ट, श्री सौरभ पाण्डेय, सीईओ, डाॅटकन्वर्स, श्री अभिषेक शर्मा, फाउण्डर एवं सीईओ, आमीगो थे। सभी विशेषज्ञ वार्ताकारों ने विषयान्तर्गत चर्चा किया एवं टिप्स दिए। सम्मानीय अतिथि महामहिम माइकल ए0एन0एन ओकाये ने कहा कि आजकल हर क्षेत्र में नवीन तकनीकि के कारण काफी विकास हुआ है एवं सुविधाएं बढ़ी हैं।
संस्थान के वाइस चेयरमैन श्री पंकज अग्रवाल ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि जीएल बजाज निरन्तर ऐसे आयोजनों हेतु प्रतिबद्ध है, जिससे संस्थान के छात्र लाभान्वित हो सके और छात्रों को कारपोरेट जगत के प्रतिष्ठित जनों से साक्षात्कार एवं उनके अनुभवों का लाभ मिले। संस्थान के निदेशक डाॅ0 अजय कुमार ने सभी भागीदारी जनों को सम्मेलन में उनकी भागीदारिता हेतु धन्यवाद दिया।
इस अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में चार टेक्निकल सत्र में विषयान्तर्गत विशेषज्ञ वार्ताकारों द्वारा चर्चा की गई।
इस सम्मेलन में शोधपत्र प्रस्तुत किये गये एवं विभिन्न टेक्निकल सेसन के दौरान उत्कृष्ट एवं श्रेष्ठ शोधपत्र हेतु शोधकर्ताओं को प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया।