बड़ी कार्यवाही : लेबर सेस जमा नहीं कराने पर आम्रपाली ग्रुप दो अधिकारी अरेस्ट
नोएडा : जिलाधिकारी बीएन सिंह के निर्देश पर जनपद में राजस्व वसूली के लिये राजस्व विभाग के अधिकारियों द्वारा बड़े स्तर पर अभियान चलाया जा रहा है। इसी क्रम में उप जिलाधिकारी दादरी अमित कुमार सिंह एवं तहसीलदार पीएल मोर्य के द्वारा कडे कदम उठाते हुये आम्रपाली ग्रुप के हेल्थ केयर के सीईओ ऋतिक कुमार सिन्हा और कंपनी के डारेक्टर निशांत मुकुन्द को दादरी एसडीएम ने उनके सैक्टर 62 ऑफिस से लेबर रेवन्यू एक्ट 171 के तहत गिरफ्तार किया गया है। यह गिरफ्तारी लेबर वेलफेयर सेस का करीब 4 करोड़ 29 लाख रुपये जमा नहीं कराने पर यह कार्रवाई की गई है। अधिकारियो का कहना है कि आरोपियों को कई बार तहसीलदार की तरफ से नोटिस जारी किया गया था लेकिन बिल्डर की तरफ से कोई जवाब नहीं मिला वही डिप्टी लेबर की तरफ से भी कई नोटिस भेजे गए लेकिन जब लेबर वेलफेयर सेस जमा नहीं कराया गया तब एसडीएम दादरी ने कार्रवाही करते हुए दोनों को गिरफ्तार कर लिया।
आम्रपाली हेल्थ केयर के सीईओ और डारेक्टर दोनों को आज दादरी एसडीएम ने उनके सैक्टर 62 ऑफिस से गिरफ्तार किया गया है, इन पर मजदूरों के वेलफेयर में खर्च होने वाले पैसे को जमा नही करने का आरोप है। आम्रपाली ग्रुप ने एक प्रोजेक्ट की शुरुआत की थी। लेकिन आम्रपाली ने अभी तक ये पैसा जमा नही किया जिसकी रकम बढ़ते बढ़ते 4 करोड़ 29 तक पहुच गई। कंपनी के रुपये जमा न कराने पर नोटिस जारी किया गया था। नोटिस का जवाब न मिलने पर नियमानुसार रिकवरी सर्टिफिकेट (आरसी) जारी की गई थी। लेकिन, निर्धारित समय बीत जाने के बाद भी रकम नहीं जमा कराने पर सीईओ ऋतिक कुमार सिन्हा और कंपनी के डारेक्टर निशांत मुकुन्द को गिरफ्तार कर लिया गया।
एसडीएम ने बताया कि लेबर रेवन्यू एक्ट 171 के तहत नियम के अनुसार 100 मीटर से अधिक भूमि पर निर्माण करने के एवज में किसी भी व्यक्ति या कंपनी को अनुमानित लागत का एक प्रतिशत रकम लेबर वेलफेयर सेस के रूप में डिप्टी लेबर कमिश्नर के आफिस में जमा कराना होता है। इस रकम को श्रमिकों के कल्याण के लिए बनाई गई शासन योजना पर खर्च किया जाता है। अधिकारियों का मानना है कि इस गिरफ्तारी से एक मैसेज जाएगा और जिस बिल्डर का भी सेस का बकाया होगा उसके खिलाफ कड़ी कार्यवाही होगी।