जानिए डॉक्यूमेंट्री “द ब्रदरहुड” में ऐसा क्या है जो पेश करती है हिन्दू-मुस्लिम एकता की अनोखी मिसाल
ग्रेटर नोएडा : डॉक्यूमेंट्री द ब्रदरहुड का सोमवार की दोपहर ग्रेटर नोएडा के बिरला इंस्टीयूट ऑफ़ मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी में प्री-व्यू हुआ। डॉक्यूमेंट्री सीनियर जर्नलिस्ट पंकज पाराशर ने निर्देशित की है। पंकज पाराशर कई मुद्दों पर शार्ट फिल्म और डॉक्यूमेंट्री बना चुके हैं और द ब्रदरहुड हिन्दू-मुस्लिम एकता को स्थानीय संस्कृति को पेश करती उनकी नई प्रस्तुति है।
करीब 24 मिनट की अवधि वाली डॉक्यूमेंट्री की शुरुआत दादरी के बिसाहड़ा गांव से होती है। जहां सितम्बर 2015 में अख़लाक़ नाम के व्यक्ति की पीट पीटकर हत्या कर दी गई थी। यहां से आगे डॉक्यूमेंट्री यह दिखाती है कि यह अकेली घटना इस क्षेत्र की वास्तविक तस्वीर नहीं है। गुर्जरों का इतिहास, भाटी मुसलमानों के बनने की घटना और 10857 के गदर से जुड़ी कई ऐतिहासिक घटनाएं द ब्रदरहुड में देखेंने को मिलेंगी। जो पश्चिमी उत्तर प्रदेश के इतिहास में बड़ी जगह रखती हैं।
1947 में आजादी के बाद बंटवारे का दुखदायी दौर लोगों को झेलना पड़ा। लेकिन भटनेर से कोई मुस्लिम परिवार देश छोड़कर पाकिस्तान नहीं गया था। डॉक्यूमेंट्री में दिखाया गया है कि किस तरह यहां के लोगों ने साथ रहना पसंद किया और मुस्लिम परिवारों को आगे बढ़कर रोक लिया था।हालिया समय के बारे में जानकारी देने के लिए जेवर के विधायक ठाकुर धीरेंद्र सिंह का इंटरव्यू है। वह बताते हैं कि करीब 10-12 हजार मुस्लिम वोटरों ने उन्हें इस चुनाव में वोट दिया है। जबकि वह बीजेपी के उम्मीदवार थे। यह भाटी हिन्दू और मुसलमानों की एकता का सबूत है। जेवर विधानसभा क्षेत्र के वोटरों की बाइट समाज की सामूहिकता और साझापन को बेहद शानदार ढंग से पेश कर रही हैं।
गौतम बुद्ध नगर के जिलाधिकारी नागेंद्र प्रसाद सिंह भी डॉक्यूमेंट्री में सन्देश दे रहे हैं। प्री-व्यू में समाज के कई वर्गों से लोग मौजूद रहे। डीएम एनपी सिंह, जेवर के विधायक धीरेंद्र सिंह, दादरी के विधायक तेजपाल सिंह नागर, बिमटेक के निदेशक डॉ हरिवंश चतुर्वेदी, हिन्दुस्तान समाचार पत्र के समैगर संपादक विवेकानंद त्रिपाठी, ग्रेटर नोएडा प्रेस क्लब के अध्यक्ष आदेश भाटी, पर्यावरण कार्यकर्ता विक्रांत तोंगड़, रामवीर तंवर और पंकज पाराशर स्क्रीनिंग के वक्त प्रमुख रूप से मौजूद रहे।
भारत की साझा संस्कृति आधुनिक विकासवाद की नींव है। यह बात डीएम एनपी सिंह ने कही। एनपी सिंह ने आगे कहा, यह डॉक्यूमेंट्री आज के माहौल के लिए बेहद उपयोगी है। मुझे उम्मीद है कि ये शब्द केवल हमारी बातों में सुनने को नहीं मिलेंगे बल्कि हमारे आचरण में भी नजर आएंगे।
डॉक्यूमेंट्री के बारे में दादरी के विधायक तेजपाल सिंह नागर ने कहा, इस शानदार और सन्देश वाहक डॉक्यूमेंट्री के लिए मैं पंकज पाराशर की पूरी टीम को बधाई देता हूं। डॉक्यूमेंट्री सांस्कृतिक एकता को प्रदर्शित कर रही है। एक दुखद घटना ने इस क्षेत्र की छवि को बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी लेकिन धरातल पर हकीकत बिलकुल अलग है। यही द ब्रदरहुड में देखकर अच्छा लगा। इस डॉक्यूमेंट्री में जो दिखाया गया है, प्रत्येक को इसे समझना चाहिए और इसका ज्यादा से ज्यादा प्रचार करना चाहिए। भारत एक धर्म निरपेक्ष देश है। हम सब का दायित्व है कि एकता और अखंडता को बनाए रखने में मदद करें।
“नफरतों का देखें असर कि गाय हिन्दू हो गई और बकरा मुस्लमान हो गया” इन पंक्तियों के साथ जेवर के विधायक धीरेंद्र सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया रखी। बोले, हिन्दू और मुस्लमान तो भारत माता की दो भुजाएं हैं। दोनों साथ रहकर ही इस देश का विकास कर सकती हैं। यही वह देश है जहां गौतम बुद्ध ने सबसे पहले शांति का संदेश दिया था। महात्मा गांधी ने उस दर्शन और सन्देश का दुनिया में प्रचार किया। मैं पंकज पाराशर जी को बधाई देता हूं कि उन्होंने इस सुंदर सन्देश को इस डॉक्यूमेंट्री के माध्यम से आगे बढ़ाया है।
प्रोफ़ेसर एचसी चतुर्वेदी ने कहा, मैं यहां देख रहा हूं कि यहां भरी दोपहरी में 24 मिनट की इस डॉक्यूमेंट्री को देखने के लिए दूर दूर से लोग आए हैं। इस फिल्म का प्री-व्यू यहां किया गया क्योंकि हम हमेशा क्षेत्र की समस्याओं और गतिविधियों से जुड़ने का प्रयास करते हैं। सद्भावना और एकता के लिए यह हमारा छोटा सा सहयोग है। भारतीय संविधान निर्मात्री सभा में 85 फ़ीसदी लोग हिन्दू थे। वे चाहते तो भारत को एक हिन्दू राष्ट्र बना सकते थे। लेकिन बीआर आंबेडकर साहब की अध्यक्षता वाली उस समीति ने ऐसा नहीं किया। क्योंकि वे भारतीय संस्कृति और समाज की मूल भावना को जानते थे और उसका सम्मान करते थे।
जो लोग डॉक्यूमेंट्री में दिखाए गए हैं, उन सबको प्री-व्यू के दौरान बुलाया गया था। पंकज पाराशर ने बताया कि दो सप्ताह बाद डॉक्यूमेंट्री रिलीज होगी। तब सबको देखने के लिए उपलब्ध हो जाएगी।