एनआईईटी में कैरियर काउंसलिंग सत्र का आयोजन
नोएडा इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी ग्रेटर नोएडा में डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय, लखनऊ के सौजन्य से 12 सितंबर 2019 को छात्रों के लिए एक कैरियर काउंसलिंग सत्र का आयोजन किया गया । इस सत्र का उद्देश्य छात्रों को अपने रोजगार संबंधी चयन के विषय में सूचित करना तथा बदलते हुए व्यावसायिक पर्यावरण के साथ किस प्रकार के नवीनतम व्यावसायिक विकल्पों का चुनाव किया जाए इस पर जोर देना था । इसके साथ ही साथ समय प्रबंधन की तकनीकी जानकारियों पर भी विशेष ज़ोर दिया गया ।
इस परामर्श सत्र में मुख्य वक्ता प्रो दिनेश पाठक ने छात्रों को अपने भविष्य के निर्धारण हेतु सही चयन करने की योजना पर जोर दिया तथा उनको कुछ ऐसी तकनीकें बतायी, जिससे वह सरलता से नए विकल्पों की तलाश कर सकते हैं । प्रो पाठक ने कहा कि आंकड़ों के अनुसार आज देश के 60% इंजीनियरिंग ग्रैजुएट को नौकरी पाने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है जिसका मुख्य कारण उनके अंदर सही कौशल का न होना है। समय रहते यदि इस समस्या का निराकरण कर दिया जाए तो आंकड़े इसके पलट सकारात्मक परिणाम ला सकते हैं। उन्होंने इस सत्र में उपस्थित शिक्षकों से यह अनुरोध किया कि यदि बीटेक के छात्रों को वह सभी सामग्री दी जा सके जो वर्तमान आर्थिक परिवेश में रोजगारपरक एवं व्यवहारिक हो तो छात्रों को नई संभावनाओं का दोहन करने में सहजता होगी। इस संदर्भ में उन्होंने सूचित किया कि शिक्षण नियामक संस्थाओं, विश्वविद्यालयों एवं कॉलेजों के स्तर पर इस प्रकार की विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं।
इसके अलावा प्रो पाठक ने विद्यार्थियों से यह भी कहा की उद्यमिता भी अपना शिक्षण कार्य पूरा करने के बाद एक सर्वोत्कृष्ट विकल्प हो सकता है। उन्होंने विभिन्न सरकारी योजनाओं का नाम गिनाते हुए छात्रों को अवगत कराया कि किस प्रकार सरकार विद्यार्थियों के विचारों को उत्पादों एवं सेवाओं में बदलने के लिए वित्त पोषण कर रही है। उन्होंने छात्रों से कहा कि यदि हम केवल अपने आज को संवार लें तो हमारा भविष्य निश्चित ही सुनहरा होगा। प्रो पाठक ने कहा क्योंकि आज के दौर में मोबाइल आवश्यकता बन रही है लेकिन छात्रों के लिए आवश्यक हो जाता है कि वह फेसबुक आदि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग सीमित कर अपना समय अपने कौशल वर्धन एवं अध्ययन की ओर समर्पित करें तथा उसकी एक रूपरेखा तैयार करके उसका पूर्ण रूप से पालन करें। प्रो पाठक ने छात्रों से आग्रह किया कि वे अपनी डायरी लिखने की आदत विकसित करें जिससे उन्हें अपनी संभावित कमियों को पहचानने एवं भविष्य में उन्हें दूर करने की प्रेरणा मिलेगी जो भविष्य में उन गलतियों की पुनरावृति को न्यूनतम कर देगा। प्रो पाठक ने आगे कहा कि आज की युवा पीढ़ी बहुत अच्छी है, तेज है एवं मेधावी है। अगर इसने अपनी प्रतिभा का सकारात्मक इस्तेमाल बस थोड़ा सा भी किया तो उसका अपना जीवन तो सँवरेगा ही, वह देश में आमूलचूल परिवर्तन लाएगा और अगर इसके उलट इसे नकारात्मक तरीके से प्रयोग किया गया तो अपार दिक्कतें बढ़ेंगी जिनको संभालना मुश्किल हो सकता है।
इस अवसर पर संस्थान के निदेशक डॉ विनोद एम कापसे, निदेशक (परियोजना एवं नियोजन) डॉ प्रवीण पचौरी, अधिष्ठातागण, विभागाध्यक्ष, शिक्षकगण तथा बीटेक तृतीय वर्ष के 600 से अधिक विद्यार्थी उपस्थित रहे।