शिशुओं के लिए मां का दूध पहला कुदरती आहार
ग्रेटर नोएडा : सामाजिक संस्था ह्यूमन टच फाऊंडेशन तथा इंडिया वुमेन कान्फ्रेंस ने महिलाओं को स्तनपान तथा पोषण के विषय में जागरूक करने के लिए साकीपुर गाँव में एक कार्यक्रम का आयोजन किया । इस अवसर पर गलगोटिया यूनिवर्सिटी के छात्र -छात्राओं ने अपना सक्रिय योगदान दिया तथा इस विषय पर एक नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुति दी। संस्था की अध्यक्ष डॉ. उपासना सिंह ने बताया कि मां का दूध प्रजनन प्रक्रिया का एक अनिवार्य भाग है, जिसका मां और शिशु की सेहत पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है परन्तु पहली बार माँ बनने वाली माताओं को शुरू में स्तनपान कराने हेतु सहायता की आवश्यकता होती है। स्तनपान से बच्चों के जन्म के बीच अंतर रखने में मदद मिलती है, गर्भाश्य और स्तन कैंसर का खतरा कम हो जाता है तथा साथ ही साथ यह मोटापे से बचाव में भी समर्थ बनाता है। शिशुओं के लिए मां का दूध पहला कुदरती आहार है, यह न सिर्फ जन्म के बाद के शुरूआती महीनों में शिशुओं की जरूरत की समस्त ऊर्जा और पोषक तत्व उपलब्ध कराता है, बल्कि निमोनिया और डायरिया जैसे संक्रमणों से बच्चों की रक्षा भी करता है। डॉ. ताषा सिंह ने महिलाओं को पोषण के बारे में जानकारी दी। दलिया तथा अल्पाहार का वितरण भी किया गया।संस्था की ओर से शौर्य ,एंजला एवं पंकज परिहार ने सक्रिय योगदान दिया।बड़ी संख्या में ग्रामीण महिलाओं ने इस कार्यक्रम का लाभ उठाया।