24 अगस्त से होगा भव्य द्रोण मेले का आगाज
दनकौर : हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी दनकौर स्थित गुरु द्रोणाचार्य मंदिर प्रांगण में श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर 96 वें वार्षिक मेले का आयोजन किया जा रहा है। द्रोण समिति के प्रबंधक रजनीकांत अग्रवाल ने प्रेस वार्ता करते हुए बताया कि मेले की शुरुआत 24 अगस्त से होगी और समापन 3 सितंबर को होगा। मेले में इस बार भी महिला कुश्ती आकर्षण का मुख्य केंद्र होगी,यहां 500 रुपये से लेकर 1 लाख रुपये तक ईनामी कुश्तियां होंगी ।इस मौके पर द्रोण समिति के सदस्य कमल चौधरी, संदीप जैन भी मौजूद रहे। ज्ञात हो कि दनकौर कस्बा में प्रतिवर्ष होने वाला प्रसिद्ध सामाजिक, धार्मिक और शिक्षाप्रद मेले का आयोजन भगवान श्री कृष्ण की याद में उन्हीं के जन्मदिन के अवसर पर किया जाता है। पूरे भारत में केवल दनकौर में ही गुरु द्रोणाचार्य का एकमात्र मंदिर विधमान है। बताया जाता है कि गुरु द्रोणाचार्य यहीं पर धनुर्विद्या का ज्ञान देते थे। इस मंदिर में एकलव्य द्वारा निर्मित गुरु द्रोणाचार्य की प्रतिमा आज भी विद्यमान है। इस मंदिर का जमीनी रकबा लगभग 40 बीघा है।यहां पर श्रीद्रोण गौशाला की स्थापना अब से करीब 127 वर्ष पहले आर्य समाज की हिंदू जागृति से प्रभावित होकर दनकौर की धर्म परायण जनता ने आपसी जन सहयोग से की थी। जिसके लिए दानि पुरुषों ने कुछ जमीन वह गाय दान में दीं थीं।
मंदिर का इतिहास:-
इस मंदिर में एक तालाब है।इस तालाब को करीब सन 1883 में कैप्टन सर जेम्स साल्ट पीटर नाम के एक अंग्रेजी में पक्का कराया था । परंतु इसमें पानी नहीं है। इस तालाब में प्रत्येक वर्ष मेले के अवसर पर विशाल दंगल का आयोजन किया जाता है जो उत्तर प्रदेश का सर्वोच्च दंगल माना जाता है। तालाब के पास एक विशाल रंगमंच बना हुआ है जिसमें मेले के अवसर पर द्रोण नाट्य मंडल द्वारा पारसी स्टाइल में पौराणिक, ऐतिहासिक, धार्मिक व सामाजिक नाट्य प्रस्तुत किए जाते हैं।
साभार ख़ालिद सैफी