आखिर क्यों दोस्तों ने की थी UBER CAB चालक की हत्या, सूरजपुर पुलिस ने किया खुलासा, पढ़ें

ग्रेटर नोएडा। सूरजपुर कोतवाली क्षेत्र के मलकपुर गांव में रहने वाले कैब चालक की उसके ही दोस्तों ने गला दबाकर हत्या कर दी थी। पुलिस ने कैब चालक मर्डर मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया हैं। पुलिस ने आरोपियों के पास से हत्या में इस्तमाल कार की ब्रेक का क्लिच तार और कार बरामद किया हैं। पुलिस ने तीनों को हत्या के मामले में को जेल भेज दिया है।

कैब चालक मूलचन्द की हत्या के मामले में आज एसपी सुनीति ने आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में खुलासा किया कि साकिर पुत्र कलुआ निवासी ग्राम हुर्थला जिला बुलंदशहर ने 12 जुलाई को पुलिस को सूचना दी कि उनकी बैगनआर कार जो उबर कैब में चलती थी जिसका चालक मूलचन्द था 4 जुलाई को गाजियाबाद लेकर चला गया हैं और अभी तक बापस नहीं लौटा है। पुलिस ने इस मामले मे सूरजपुर कोतवाली में गुमशदगी का मुकदमा दर्ज कर लिया था। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी। पुलिस अधीक्षक सुनिति ने बताया कि मुखबिर की सूचना पर 17 जुलाई को दादरी बाइपास से कार और कैब चालक का मोबाइल बरामद किया गया । पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया जिनसे पूछताछ में पता चला कि तीनों ने मिलकर कैब चालक की हत्या क्लिच के तार से गला घोंटकर की थी। पुलिस अधीक्षक सुनिति ने बताया कि पकडे गए आरोपी कैब चालक मूलचन्द के दोस्त थे और तीनों ही दादरी नोएडा रूट पर बस चलाते थे। तीनों लोगो ने मिलकर उसकी कार लूटकर हापुड़ बेचने के फ़िराक में थे। इन्होने लुटे गए कैब का सौदा 1 लाख रूपये में कर लिया था। जिसे तीनों मिल कर आपस में हिस्सा बांट करने की योजना बनाई थी।

आरोपियों की पहचान राहुल पुत्र वीरेन्द्र निवासी गांव पाइपा जिला हापुड, राजकुमार पुत्र राजू निवासी गांव पाइपा जिला हापुड, वसीम पुत्र हसमत निवासी गांव ढिकौली जिला बुलंदशहर के रूप में हुई है। पुलिस को आरोपियों ने बताया कि 6 तारीख को मूलचन्द के साथ तीनों ने जमकर शराब पी थी जिसके बाद चारों दादरी के बिसाहडा गाव गए जहां तीनों ने मिलकर कार की क्लिच के तार से मूलचन्द का गला दबाकर हत्या कर दी। हत्या करने के बाद तीनों ने शव को ठिकाने लगाने के लिए तीन जगहों पर गए थे । पहले गाजियाबाद के पास नहर में फेकने के लिए रूके लेकिन पुलिस की पीसीआर बैन गुजरने के कारण बहां से निकल गए। जिसके बाद तीनों शव को लेकर रेलवे लाइन के पास फेंकने की फिराक में थे लेकिन बहां भी तीनों को कामयाबी नहीं मिली थी।

आखिर में तीनों आरोपियों ने शव को डासना फ्लाई ओवर के नीचे झाडियों के पास फेंककर फरार हो गए थे। तीनों ने कार का नंबर बदलकर कार को हापुड में किसी व्यक्ति से एक लाख रूपए में कार को बेचने की बात तय कर ली थी। एसपी सुनिति ने बताया कि तीनों ने मिलकर मूलचन्द की हत्या सिर्फ कार को लूटने के बाद कार को बेचकर मिलने वाले रूपयों को बांटने के लिए की थी।
पुलिस अधीक्षक सुनिति ने बताया कि कैब चालक मूलचन्द की हत्या तीनों ने मिलकर कार को लूटने के लिए योजनाबद्व तरीके से की थी। तीनों आरोपी मृतक के दोस्त थे और कार को लूटकर बेचने से मिलने वाले रूपयों की लालच में साथी की हत्या कर दी थी। तीनों आरोपियों को हत्या के मामले में जेल भेज दिया गया हैं।

फिरौती का कॉल कराकर गुमराह करने की कोशिश

इधर हत्यारोपियों ने पुलिस को गुमराह करने का भरपूर प्रयास किया। इसके लिए वसीम ने अपने एक जानकार से तमिलनाडु से फर्जी फ़ोन कैब मालिक को कराया और 20 हज़ार की फिरौती मांगी गयी।

ऐसे खुला केस

जांच के दौरान पुलिस को पता लगा मूलचंद को अंतिम बार राहुल के साथ देखा गया है। जिसके बाद पुलिस ने राहुल से जब कड़ाई से पूछताछ की तो उसने सारे मामले का खुलासा कर दिया।

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