राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान को मान्यता मिली, अब होगी एमबीबीएस की पढ़ाई
ग्रेटर नोएडा। जिले के पहले सरकारी मेडिकल कॉलेज के रूप में कासना में स्थित राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान को मान्यता मिल गयी है। संसथान को यह बड़ी सफलता छह वर्ष के लंबे प्रयास के बाद मिली है। मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया की टीम ने कॉलेज को सभी मानकों पर खरा पाया है। इसके बाद कॉलेज को मान्यता का पत्र जारी किया। कॉलेज को एमबीबीएस की 100 सीटों के लिए अनुमति दी गई है। प्रवेश के लिए जून से काउंसिलिंग शुरू होगी। नए सत्र का संचालन एक अगस्त से शुरू होगा।
राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान की स्थापना 2012 में हुई थी। बसपा सरकार में इसकी नींव अस्पताल के रूप में रखी गई थी। बाद में पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल बनाने की घोषणा की, जो मेडिकल विवि बनाने में तब्दील हो गई। बसपा सरकार जाने के बाद मामला फिर अधर में लटक गया। सपा सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने विश्वविद्यालय की बजाय इसे मेडिकल कॉलेज बनाने की घोषणा की। मेडिकल कॉलेज बनाने के लिए 2014 से प्रयास चल रहे थे। मान्यता देने के लिए मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया की टीम ने छह वर्ष में कई बार कॉलेज का दौरा किया। लेकिन मानक पूरा न होने के कारण मान्यता नहीं मिल सकी। टीम ने जो कमियां बताईं उसे अस्पताल प्रशासन ने पूरा कर दिया। लगभग दो माह पूर्व टीम ने कॉलेज का निरीक्षण किया। इस दौरान सभी मानक पूरे मिले। कॉलेज के निदेशक ब्रिगेडियर राकेश गुप्ता ने बताया कि निरीक्षण के दौरान टीम ने सभी चीजें पूरी पार्इं। इस कारण मान्यता के लिए अंडर टेकिग देने की आवश्यकता नहीं पड़ी। जीबीयू में चलेगी कक्षाएं नीट परीक्षा पास करने वाले छात्रों को काउंसलिग के माध्यम से प्रवेश मिलेगा। प्रवेश प्रक्रिया जून के अंत में शुरू होने की संभावना है। एमबीबीएस की कक्षाएं एक अगस्त से संचालित होगी। कक्षाओं का संचालन शुरुआत में गौतमबुद्ध विवि परिसर में होगा। छात्र भी विश्वविद्यालय के छात्रावास में रहेंगे। विवि में खाली पड़े एक प्लाट पर कक्ष, हास्टल व लाइब्रेरी का निर्माण होना है। निर्माण अगले वर्ष तक पूरा हो जाने की उम्मीद है।
इसके बाद उसी बिल्डिग में स्थाई रूप से कक्षाओं का संचालन होगा। एंटी रैगिग सेल की होगी गठन मेडिकल कॉलेजों में रैगिग रोकने पर पूरा जोर रहेगा। कॉलेज में एंटी रैगिग सेल गठित किया जाएगा। इसमें कॉलेज के वरिष्ठ प्रोफेसरों को रखा जाएगा। निदेशक ने बताया देखने में आता है कि रैगिग की घटनाएं सीनियर द्वारा की जाती हैं। कॉलेज को अभी मान्यता मिली है। सीनियर छात्र नहीं हैं। ऐसे में रैगिग की संभावना नहीं रहेगी। छात्रों को साइकिल की करनी होगी सवारी
ब्रिगेडियर राकेश गुप्ता, निदेशक राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान ने बताया छात्रों को कॉलेज परिसर में आने जाने के लिए साइकिल उपलब्ध कराई जाएगी। साइकिल की सुविधा न्यूनतम चार्ज पर दी जाएगी। कॉलेज में आने-जाने के लिए छात्रों को साइकिल का ही उपयोग करना होगा। मोटर साइकिल या वाहन प्रतिबंधित रहेगा। बढ़ाई जाएगी बेड की संख्या अस्पताल में अभी 300 बैड की सुविधा उपलब्ध है। 200 बैड और बढ़ाने का प्रयास चल रहा है। अगले कुछ माह में बैड की संख्या बढ़ने की संभावना है। निदेशक ने बताया अस्पताल में जल्द सीटी स्कैन, अल्ट्रा साउंड व अन्य सुविधाओं की शुरुआत की जाएगी। वर्तमान में 60 फैकल्टी व 50 जूनियर डाक्टर हैं। इनकी संख्या भी बढ़ाई जाएगी। निदेशक ने बताया मेडिकल की पढ़ाई में काउंसिल ने कुछ बदलाव किए हैं। फाउंडेशन कोर्स, कम्यूनिकेशन, साफ्ट स्किल सहित अन्य चीेजों की पढ़ाई भी कोर्स में बदलाव के अनुरूप कराई जाएगी। कॉलेज में मेडिसिन, स्त्री रोग, सर्जरी सहित अन्य कोर्स की मांग की गई है। जल्द ही इनका संचालन भी शुरू होगा। साथ ही प्रशिक्षण देने के लिए सीपीआर सेंटर की स्थापना भी होगी। इंडियन मेडिकल काउंसिल ने कॉलेज को सौ सीट के लिए मान्यता प्रदान की है। लंबे प्रयास के बाद मेडिकल कॉलेज में कक्षाओं के संचालन की मान्यता मिली है। कक्षाओं का संचालन एक अगस्त से शुरू किया जाएगा।