जमीन घोटाले के मामले में ग्रेनो प्राधिकरण के दो सर्वे अमीन निलंबित, तत्कालीन तहसीलदार के खिलाफ कार्यवाही की अनुशंसा
ग्रेटर नोएडा : ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने जमीन घोटाला के एक मामले में भूलेख विभाग में तैनात दो सर्वे अमीन देवेन्द्र प्रताप सिंह और श्रीपाल सिंह को भ्रष्टाचार में दोषी पाए जाने पर निलंबित कर दिया गया है. साथ ही तत्कालीन तहसीलदार मनोज कुमार सिंह जो पदोन्नति पाकर एसडीएम बन चुके हैं उनके खिलाफ शासन से कार्यवाही की अनुशंसा की गई है . बता दें इस जमीन घोटाले के मामले में बीते मार्च महीने में भ्रस्टाचार निवारण अदालत मेरठ के आदेश पर ग्रेटर नोएडा के तत्कालीन मुख्य कार्यपालक अधिकारी रमा रमण के खिलाफ कासना कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया था।
अभियोजन के अनुसार ग्राम बिसरख निवासी कुलदीप सिंह पुत्र महकार सिंह ने कोर्ट में दी अर्जी में कहा था कि वह गांव में कुछ जमीनों का मालिक हैं। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने उसकी जमीनों के पास की कुछ जमीनें अर्जन की थी। उसकी जमीन अर्जन मुक्त थी, बावजूद इसके प्राधिकरण के तत्कालीन सीईओ रमा रमण, उप महाप्रबंधक मीना भार्गव, नगर नियोजन नोडल अधिकारी रितुराज व्यास समेत 5 लोगों ने साजिश रचकर उसके स्वामित्व की अर्जन मुक्त जमीनों को वर्ष 2011 में बिल्डर वैभव जैन को आवंटित कर दिया।
पांच साल की कोशिशों के बाद 2016 में प्राधिकरण अधिकारियों ने उतनी ही जमीन उसे स्थानांतरित करने की बात कही थी, जो अब तक नहीं की गई। आरोप है कि ऐसा करने की एवज में ग्रेनो प्राधिकरण ने उससे 20 लाख रुपये की रिश्वत मांगी गई थी । शिकायत देने पर इस मामले में पुलिस ने भी कोई कार्रवाई नहीं की है। इस पर उसने अदालत की शरण ली। सुनवाई के बाद स्पेशल जज (भ्रष्टाचार अधिनियम) कोर्ट संख्या-2 ने गौतमबुद्धनगर जिले के कासाना थानाध्यक्षक्ष को आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच करने के निर्देश दिए थे।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति —