शारदा विश्विद्यालय में कार्यशाला: गूगल के प्रयोग से जांची जा सकती है खबरों की सत्यता
ग्रेटर नोएडा। शारदा विश्वविद्यालय के जन संचार विभाग ने शुक्रवार को खबरों की सत्यता और गुणवत्ता को परखने की समझ बढ़ाने के लिए “गूगल न्यूज इनिशिएटिव एंड डेटा जर्नलिज्म” नामक एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में गूगल द्वारा खबरों,ज्ञान और वीडियो के क्षेत्र में विश्वनीयता को बनाये रखने के अलावा विभिन्न प्रकार नए फीचर ,टूल्स और आयामों के इस्तेमाल और उपयोगिता का विस्तार से व्याख्यान के साथ ही साथ प्रायोगिक तौर पर प्रस्तुतीकरण किया गया।
दिन भर चले इस कार्यशाला में आमंत्रित विशेषज्ञ गूगल में कार्यरत रितिका रस्तोगी ने फेक न्यूज ,फेक वीडियो,किसी विषयवस्तु को एक भाषा से दूसरे भाषा में अनुवादन,साइबर सुरक्षा के अलावा कई विषयो पर विस्तार से जानकारी दी और भविष्य में बढ़ रही इसकी उपयोगिता और निर्भरता से अवगत कराया। कार्यशाला में पत्रकारिता की प्रभावशाली विधा डेटा जर्नलिज्म (आकड़ा पत्रकारिता ) में गूगल की उपयोगिता से भी लोगो को अवगत कराया गया। जन संचार विभाग की और से आयोजित इस कार्यशाला से विभाग के अलावा विश्वविद्यालय के दूसरे विभाग के छात्रों और शिक्षकों ने भी शिरकत की। कार्यक्रम का शुभारम्भ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफ़ेसर जी आर सी रेड्डी और स्कूल के डीन प्रोफ़ेसर आर एन मेहरा के सम्बोधन से हुआ।
पत्रकारिता जगत में अबाध्य रूप से बढ़ रहे असीमित आयामों से पत्रकारिता जगत में असत्यापित खबरों की बाढ़ सी आ गयी है। खबरों के इस महासागर में प्रमाणित और विश्वनीय खबरों को परखना एक बड़ी चुनौती सी हो गयी है और इस परिस्थिति का सीधा दुष्प्रभाव पत्रकारिता की मूल भावना पर पड़ रहा है / आज के दौर में खबरों की विश्वनीयता,सत्यता और प्रमाणिकता पर भारी संकट आ गया है और पाठक खबरों पर भरोसा करने के बजाय संदेह करना शुरू कर दिया है । इसी चुनौती को देखते हुए और खबरों की विश्वनीयता बयाये रखने के उद्देश्य के लिए शारदा विश्यविद्यालय में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। जन संचार विभाग की और से आयोजित इस कार्यशाला में उपस्थित लोगो को खबरों की सत्यता परखने वाले गूगल के फीचर के इस्तेमाल का प्रशिक्षण दिया गया। असत्य और फेक खबरे समाज ,देश के अलावा पुरे मानवता के लिए खतरा हो सकती है लेकि गूगल ने काफी हद तक इस अभ्यास पर लगाम लगाने का प्रयास किया है। तकनीकी के दौर में लोगो को मजबूरन खबर पर भरोसा करने के बजाय उसकी सत्यता को परखने की सुविधा उपलब्ध है और लोग उसके प्रयोग से फेक न्यूज को सिरे से नकार सकते है। खबरों के परखने के अलावा अप्रमाणित खबरों को भी परखा जा सकता यही इतना भी नहीं इस कार्यशाला में साइबर सुरक्षा ,एक भाषा से विभिन्न भाषाओं में अनुवाद के अलावा कई तरह के फीचर और सुविधाओं के बारे में व्याख्यान दिया गया और प्रायोगिक जानकारी दी गयी। कार्यशाला में डेटा जर्नलिज्म में गूगल की उपयोगिता से भी छात्रों को अवगत कराया गया। इस मौके पर विभागाध्यक्ष डाक्टर अमित चावला ने उपस्थित लोगो को सम्बोधित करते हुए गूगल की उपयोगिता और निर्भरता पर प्रकाश डाला और जिज्ञाषावश विषय से सम्बंधित कई महत्वपूर्ण सवाल विशेषज्ञ से पूछे। इस अवसर पर सम्बोधन में विद्यालय के डीन प्रोफ़ेसर मेहरा ने कहा की खबरों में सत्यता और तथ्यात्मकता का विशेष महत्व है इसलिए खबरे सत्य और तथ्यपूर्ण होनी चाहिए और इसे बरकरार रखने के लिए गूगल की कार्यशाला का काफी योगदान है। कार्यक्रम के अंत में गूगल विशेषज्ञ और आमंत्रित वक्ता को यादगार स्वरूप स्मृतिचिन्ह प्रदान किया गया। छात्रों और उपस्थित लोगो में इस कार्यशाला को लेकर गज़ब का उत्साह देखने को मिला और ऐसे आयोजन के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।