रेडियो की सार्वभौमिकता और और महत्ता से रूबरू हुए शारदा विश्व विद्यालय के छात्र
ग्रेटर नोएडा : शारदा विश्व विद्यालय के पत्रकारिता और जन संचार विभाग में विश्व रेडियो दिवस पर रेडियो की प्रासंगिता और महत्ता को छात्रों के अलावा जन जन तक पहुंचने के उदेश्य से कार्यक्रम का आयोजन किया गया। ” एम टू एफ एम ” के नाम से आयोजित इस कार्यक्रम में रेडियो की ऐतिहासिक यात्रा से लेकर रेडियो के वर्तमान परिपेक्ष और नए आयाम को प्रदर्शित करने का सराहनीय प्रयास किया गया।
दिन भऱ चले इस आयोजन में रेडियो के विभिन मॉडलों की प्रदर्शनी , रेडियो की उपयोगिता और लोकप्रियता को प्रस्तुत करने वाली लघु नाटिका ,नए युग में रेडियो की सामाजिक भूमिका और रोज़गार की संभावनाओं पर वैचारिक परिचर्चा के अलावा गीत संगीत और नृत्य की धमाकेदार प्रस्तुति भी की गयी । कार्यक्रम में रेडियो जगत के प्रबुद्ध लोगो के अलावा कई लोकप्रिय रेडियो जॉकी और शिक्षाविदों ने शिरकत की । कार्यक्रम का उद्घाटन शारदा विश्वद्यालय के कुलपति प्रोफ़ेसर जी आर सी रेड्डी ने किया।
शारदा विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग ने बुधवार को विश्व रेडियो दिवस काफी उत्साह और जोश के साथ मनाया गया। इस मौके पर रेडियो की सामाजिक, आर्थिक उपयोगिता पर परिचर्चा के अलावा रेडियो की यादगार क्षणों को पुनर्जीवित करने वाले कई कार्यक्रम प्रस्तुत किये गए। कार्यक्रम की शुरुवात विश्वविद्लाय के कुलपति प्रोफ़ेसर रेड्डी के दीप प्रज्वलन के साथ हुयी। कार्यक्रम के उद्घाटन सम्बोधन में कुलपति ने कहा की रेडियो जन सम्प्रेषण का प्रभावी माध्यम है और रेडियो के सफर के साथ एक लम्बी यादगार यात्रा जुडी हुयी है। कार्यक्रम के शुरुवात में कुलपति ने रेडियो के ऐतिहासिक यात्रा को प्रदर्शित करने वाले प्रदर्शनी का उद्धघाटन किया और रेडियो के विभिन्न मॉडल का पूरी रूचि और उत्साह के साथ मुआयना किया और छात्रों के प्रयास की काफी सराहना की। रेडियो जन जन से जुड़ा हुआ लोकप्रिय माध्यम है। इस मौके पर आयोजित किये गए परिचर्चा में आल इण्डिया रेडियो में लम्बे समय तक उद्घोषक और रेडियो पत्रकार के तौर कर सेवाएं दे चुके अरुण जोशी,एक सामुदायिक रेडियो का सचालन कर रहे मुकेश गंभीर ,रेडियो उद्घोषक गीतिका उनियाल और दिव्या लालवानी ने शिरकत किया। परिचर्चा में एक प्रश्न का जवाब देते हुए अरुण जोशी ने कहा की रेडियो सिर्फ रोज़गार करने का अवसर के अलावा दिल के भाव को प्रकट करने और जन जन से जुड़ने का सशक्त माध्यम है। परिचर्चा पर वक्ता के तौर पर बोलते हुए एक समुदायीय रेडिटो के निदेशक मुकेश गंभीर ने सामुदायिक रेडियो की जन उपयोगिता और सामाजिक सरोकार पर काफी जोर दिया और इसके भविष्य की असीम सम्भवनायो पर प्रकाश डाला। इस मौके पर सम्बोधित करते हुए पत्रकारिता विभाग के विभागाध्यक्ष डाक्टर अमित चावला ने कहा कि रेडियो की यादें हमें पुराने दिनों को याद कराती है और रेडियो में भी कैरियर की असीम समभावनए है। दिन भर चले कार्यक्रम ने छात्रों ने पुराने गानो पर नृत्य प्रस्तुत करके खूब तलिया बटोरी। कार्यक्रम में छात्रों की प्रतिभा को परखने के लिए रेडियो हंट नामक उद्घोषक प्रतियोगिता का आयोजन किया और चयनित छात्रों को पुरष्कृत किया गया।