सुप्रीम कोर्ट ने पूरे देश में आईआईटी-जेईई की काउंसलिंग और दाखिला पर लगाई रोक
जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, देश का कोई हाई कोर्ट अब से जेईई-आईआईटी (एडवांस) की किसी याचिका पर विचार नहीं करेगा. दरअसल, एक परीक्षा में उन विद्यार्थियों को भी ग्रेस मार्क्स दे दिए गए थे जिन्होंने सवाल को हल करने की कोशिश भी नहीं की थी. नियम के अनुसार ग्रेस मार्क्स सिर्फ उन्हें ही दिए जाते हैं जो सवाल छोड़ने के बजाए उन्हें हल करने की कोशिश करते हैं.इसी को लेकर दायर की गई याचिका में ये सवाल उठाया गया था कि इन ग्रेस मार्क्स की वजह से मेरिट लिस्ट प्रभावित हुई और इस कारण से बहुत छात्रों के अंकों पर फर्क पड़ा है. सुप्रीम कोर्ट ने ये स्टे उन सभी संस्थानों पर लगाया है जहां आईआईटी जेईई (एडवांस) के तहत दाखिले होते हैं. इस मामले की अगली सुनवाई 10 जुलाई को होगी.
बता दें 30 जून को सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय को एक नोटिस जारी किया था जिसमें आईआईटी जेईई 2017 की रैंक लिस्ट को रद्द किए जाने की अपील की गई थी. यह याचिका आईआईटी के अभ्यर्थी ऐश्वर्या अग्रवाल की ओर से दायर की गई थी, जिसमें उन्होंने कोर्ट से अपील की थी कि जिन छात्रों को ग्रेस मार्क्स दिए गए हैं वह गलत हैं और यह न सिर्फ उनके बल्कि तमाम छात्रों के अधिकार का हनन है.