लॉयड लॉ कॉलेज के छात्रों के द्वारा दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की सहमति , राष्ट्रीय महत्व के मुद्दे की सुनवाई का होगा
ग्रेटर नॉएडा के लॉयड लॉ कॉलेज के लॉ के तीन छात्रों- आयुष प्रकाश ,अमन शेखर,बायरन सेकुरिआ, ने सुप्रीम कोर्ट में “राष्ट्रीय महत्व के विषयों में अदालत की सुनवाई के लाइव प्रसारण’ विषय पर याचिका दायर की थी जिसका फैसला आज आया है जिसमे सुप्रीम कोर्ट ने अपनी सहमति दे दी है .यह ग्रेटर नॉएडा के लिए गौरव की बात है. छात्र काफी लम्बे समय से ये लड़ाई लड़ रहे थे .इससे लॉ के छात्रों को लाभ होंगे ही साथ में आम जनता को भी इससे लाभ मिलेंगे .इससे छात्रों को बहोत कुछ सीखने को मिलेगा.वे बड़े वकीलों द्वारा लडे जा रहे मामलों से वकालत के कौशल , व्यवहारिकता ,केस के प्रस्तुतीकरण की कला , आदि को बारीकी से सीख सकते हैं .इससे मामलों की पारदर्शिता को भी बढ़ावा मिलेगा.इस आदेश से लॉ छात्रों की अध्ययन और प्रशिक्षण के क्षेत्र में और भी नियम बन सकते हैं.
सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की बेंच ने मंजूरी दे दी है. न्यायालय ने कहा है कि संविधान के अनुच्छेद 145 के तहत लाइव स्ट्रीमिंग के नियम-कानून बनाए जाएं.
प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली तीन जजों के बेंच में जस्टिस ए एम खानविलकर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ शामिल थें. तीनों जजों ने सर्वसम्मति से कहा कि लाइव प्रसारण से पारदर्शिता आएगी और यह लोकहित में होगा. शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में कहा, ‘इसे सुप्रीम कोर्ट से शुरू किया जाएगा पर इसके लिए कुछ नियमों का पालन किया जाएगा.इस दौरान जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि हम खुली अदालत को लागू कर रहे हैं.
सुप्रीम कोर्ट की तरफ से इस मामले में केंद्र सरकार से जवाब मांगे जाने पर अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कोर्ट दिशा-निर्देश दाखिल किए थें.
-जिसके मुताबिक लाइव स्ट्रीमिंग पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर चीफ जस्टिस की कोर्ट से शुरू हो.
– संवैधानिक मुद्दे और राष्ट्रीय महत्व के मुद्दे शामिल हों.
– वैवाहिक विवाद, नाबालिगों से जुड़े मामले, राष्ट्रीय सुरक्षा और साम्प्रदायिक सौहार्द से जुड़े मामलों की लाइव स्ट्रीमिंग न हो.
– लाइव स्ट्रीमिंग के लिए एक मीडिया रूम बनाया जा सकता है जिसे लिटिगेंट, पत्रकार और वकील इस्तेमाल कर सकें. जिससे कोर्ट रूम की भीड़ भाड़ कम होगी.
