ग्रेटर नोएडा ,जहांगीरपुर में दिखा भारत बंद का असर
ग्रेटर नोएडा। आज एससीएसटी कानून के विरोध में तमाम सामाजिक संगठनों भारत बंद का एलान किया था. इसका जिसका असर ग्रेटर नोएडा में भी देखने को मिला। यहां राजपूत उत्थान सभा व करणी सेना के साथ अन्य सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ताओं ने भी भारत बंद का समर्थन करते हुए ग्रेटर नोएडा के प्रमुख बाजारों को बंद कराया। जिसमें मुख्य रूप से अल्फा-एक कमर्शियल बेल्ट, रामपुर जागीर मार्केट व जगतफार्म मार्केट बंद रहे। राजपूत उत्थान सभा के पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष ठाकुर धीरज सिंह व करनी सेना के अध्यक्ष करन सिंह के नेतृत्व में ये जुलूस निकाला गया। ठाकुर धीरज सिंह ने सरकार से मांग की कि एससीएसटी संशोधित कानून 2018 वापस होना चाहिए अन्यथा देश मे इससे भी बड़े आंदोलन किये जायेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि संसद में बैठे सभी 543 सांसदों में से किसी एक ने भी जनता के हित के बारे में नही सोचा। जनता के साथ विश्वासघात किया है। 2019 के चुनाव में सभी सांसदों को उनके क्षेत्र में जनता के विरोध का सामना करना पड़ेगा। सभी प्रदर्शनकारियों ने संसद में बैठे सभी सांसदों का बहिष्कार करने निर्णय लिया। ग्रेटर नोएडा के बाजार, दुकानों के शटर के बंद होने की आवाज व सांसद महेश शर्मा मुर्दाबाद, भाजपा सरकार मुर्दाबाद, एसटीएससी एक्ट वापस लो के नारे लगाए। सभी दुकानदारों से बंद में सहयोग करने की अपील की साथ ही उनको फूल भी भेंट किये गए। लगभग सभी दुकानदारों ने बन्द के लिए आये सामाजिक संगठनों के लोगों का खुलकर सहयोग किया और अपने दुकानों के शटर गिराए। हालांकि कुछ दुकानदारों ने कुछ घंटे बाद ही अपनी दुकान खोल दी। इस दौरान पुलिस बल तैनात रहे। मौके पर उमेश रावल, विनय राणा उपाध्यक्ष राजपूत उत्थान सभा, मुकेश भाटी, समंदर भाटी, कुबेर प्रताप सिंह, गौरव भाटी, युग शिशोदिया, शशि ठाकुर, सुनील पण्डित तुग़लपुर, मेघराज भाटी वकील, प्रमोद भाटी, किशोर सिंह, दिनेश सोलंकी आदि सेकंडों लोग मौजूद रहे।
जहांगीरपुर में ऐतिहासिक भारत बंद,भाजपा के विरूद्ध आक्रोश
विभिन्न सवर्णों संगठनों के आव्हान पर कस्बा जहांगीरपुर में ऐतिहासिक रहा ‘भारत बंद’! अधिकांश दुकान एवं व्यवसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे!मुख्य बाजारों में सन्नाटा पसरा था!बंद समर्थकों ने चाय पान तथा सब्जी एवं दवा स्टोर कहीं दबाव तथा कही अनुरोध पर बंद करा दिए भारत बंद के समर्थकों ने सड़कों पर जमकर हंगामा किया! अनेक जगह भाजपाइयों के होल्डिंग्स एवं बैनर झंडे फाड़ दिए! हालांकि दलित इलाकों में बंद बे असर रहा आश्चर्यजनक तथ्य यह भी है कि बंद समर्थकों द्वारा किए जा रहे हंगामे तथा तोड़फोड़ के दौरान स्थानीय पुलिस दूर-दूर तक नजर नहीं आ रही थी. — साभार : विनय शर्मा