मोब लिंचिंग पर आधारित ‘द ब्रदरहुड’ डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म 15 अगस्त को रिलीज होगी
नई दिल्ली। भारत में मोब लिंचिंग प्रकरणों और समप्रदायिक एकता की बड़ी घटनाओं को जोड़कर बनी डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म द ब्रदरहुड 15 अगस्त को भारत के स्वतन्त्रता दिवस के मौके पर रिलीज होगी। इससे पहले 10 और 11 अगस्त को टीवी नेटवर्क टाटा स्काई पर भी फ़िल्म के चार स्पेशल प्री-व्यू होंगे।
फ़िल्म का निर्माण और निर्देशन वरिष्ठ पत्रकार पंकज पाराशर ने किया है। उन्होंने बताया कि फ़िल्म को भारतीय सेंसर अपीलेट ट्रिब्यूनल ने पास किया है। दरअसल, फ़िल्म को भारतीय सेंसर बोर्ड ने सर्टिफिकेट देने से मना कर दिया था।
यह डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म दिल्ली के नजदीक दादरी के बिसाहड़ा गांव में 28 सितम्बर 2015 की रात अखलाक नामक व्यक्ति की हत्या कर दी गई थी। उस पर ग्रामीणों को गाय की हत्या करने और मांस का सेवन करने का शक था।आजकल पूरे देश में ऐसी घटनाएं हो रही हैं।
पंकज पाराशर का कहना है कि फ़िल्म यह बताती है कि जिन इलाकों में ऐसी घटनाएं हो रही हैं, वहां हिन्दू और मुसलमानों के बीच परस्पर घनिष्ठ रिश्ते हैं। लोग एक-दूसरे के बिना कोई रीति-रिवाज पूरे नहीं करते हैं। यहां के लोगों का कहना है कि केवल राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए राजनीतिक पार्टियां ऐसी घटनाओं को तूल दे रही हैं। यह देश की एकता, नागरिकों के मौलिक अधिकारों और संवैधानिक ढांचे के खिलाफ है। यह सब डॉक्यूमेंट्री की विषय वस्तु है। पंकज पाराशर ने बताया, 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म यूट्यूब पर रिलीज होगी। इससे पहले टाटा स्काई पर 10 और 11 अगस्त को चार बार विशेष प्रसारण होगा।
पंकज पाराशर: एक परिचय
पंकज पराशर हिंदुस्तान टाइम्स में कार्यरत हैं। वरिष्ठ पत्रकार पंकज पराशर को पत्रकारिका के क्षेत्र में कई पुरस्कार मिल चुका है। पत्रिकारिता के अलावा उनकी रूचि कुछ नया खोजने और करने में हमेशा से रही है। इसी के तहत उन्होंने ग्रेटर नोएडा क्षेत्र की ऐसी कहानी जो “हिन्दू-मुस्लिम एकता” की मिसाल पेश करता है, उसपर आधारित एक डाक्यूमेंट्री फिल्म “द ब्रदरहुड ” का फिल्मांकन किया है जो जल्द रिलीज़ होने वाली है।