गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय भारत की छवि को गलत रूप से प्रस्तुत करने वालों को जवाब देने का केंद्र बने : सीएम योगी आदित्यनाथ
ग्रेटर नोएडा : अज उत्तर प्रदेश के सीएम व जीबीयू के कुलाधिपति योगी आदित्यनाथ ने नए शैक्षणिक सत्र 2018-19 क शुभारम्भ किया. इस अवसर पर उन्होंने विश्वविद्यालय के मुख्य सभागार में सभी नए और पुराने लगभग 3400 छात्रों को संबोधित किया. (मुख्यमंत्री के भाषण का सारनीचे देखें)
यह पहली बार विश्वविद्यालय के चांसलर शैक्षणिक सत्र 2018-19 के शुरू होने के अवसर पर नए छात्रों को संबोधित किया. यह विश्वविद्यालय के 11 वें शैक्षिक सत्र की शुरुआत है. विश्वविद्यालय के 10 साल पूरे हो गए हैं.जिस ध्येय के साथ विश्विद्यालय स्थापित किया गया था अभी उसी आधार पर शिक्षा प्रदान कर रहा है. विश्वविद्यालय प्रशासन लगातार परिसर को पर्यावरण अनुकूल बनाने पर ध्यान केंद्रित करता रहा है . परिसर को पर्यावरण मुक्त करने के लिए मूल मुद्दे पर अधिक जोर देने के लिए वर्तमान में कुलपति प्रभात कुमार के नेत्रित्व में इसे धरातलीय स्तर पर क्रियान्वित किया जा रहा है .
इस मौके पर सीएम योगी ने प्रीपेड इकोफ्रेंडली साईकिल परियोजना का शुभारम्भ किया. इस योजना के अंतर्गत गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में (टैक्सी बाइक साझा उपक्रम का हीरो का एक उपक्रम है) साइकिले विश्वविद्यालय परिसर में सभी विद्यार्थियों, शिक्षकों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों के प्रयोग के लिए 25 नियत स्थानों पर उपलब्ध रहेंगे. यह सुविधा न्यूनतम दरों पर मोबाइल ऐप के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएंगी . फिलहाल साइकिलों की संख्या 200 है.
इसके अलावा विश्वविद्यालय परिसर में हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए 50 भवनों के छत पर 2.84 मेगावाट क्षमता वाला रूफ टॉप सौर्य उर्जा संयत्र का लोकार्पण किया.
मुख्यमंत्री योगी ने विश्वविद्यालय परिसर में स्थित प्रेक्षागृह के पीछे तीन एकड़ क्षेत्रफल में गीता उपवन का शुभारम्भ किया .इस उपवन में भिन्न प्रजातियों के औषधीय फलदार वृषों का पौधारोपण किया जायेगा . इस मौके पर केंद्रीय मंत्री व सांसद डॉ. महेश शर्मा, सांसद सतपाल सिंह, जेवर विधायक धीरेन्द्र सिंह, जीबीयू के कुलपति डॉ. प्रभात कुमार मौजूद रहे.
सीएम योगी आदित्यनाथ का नए छात्रों को संबोधन
नए छात्रों को सम्बोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा जिन छात्र-छात्राओं को पहली बार विश्वविद्यालय में कदम रखने का अवसर मिला है, विश्वविद्यालय परिवार की ओर से उनका स्वागत है। मैं सभी के उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूं. उन्होंने कहा भगवान गौतम बुद्ध के बारे में जब ज्योतिषि ने बताया था कि वे संन्यास ले लेंगे तो चिंतित घर वालों ने ऐसी व्यवस्था कर दी कि उनको राजमहल के बाहर न जाना पड़े। उनका विवाह हुआ, पुत्ररत्न की प्राप्ति हुई तो परिवार के लोग आश्वस्त हुए कि अब वे कहीं नहीं जाएंगे. एक बार वे राज्य के भ्रमण के लिए निकले तो तीन घटनाओं ने उनको झकझोर कर रख दिया। उनको एक बीमार व्यक्ति दिखता है तो वे चिंतित हो जाते हैं। उन्होंने ऐसा व्यक्ति नहीं देखा था जो झुका था कांप रहा था. राज्य के मंत्री ने बताया कि यह बुजुर्ग हो चुका है। ऐसा सबके साथ होना है। सभी को इस दौर से गुजरना होता है। वे वापस आते हैं और चिंतन करते हैं कि जीवन क्या है, जीवन की स्थिति क्या है. वे बीमार और मृत व्यक्ति को देखते हैं तो उनको समझ आता है कि वास्तव में राजमहज के दायरे में जीवन व्यतीत कर रहा हूं, यह जीवन का सार नहीं हो सकता. वे परिवार छोड़कर निकलते हैं, अनेक स्थानों से गुजरते हैं और उनको गया में ज्ञान प्राप्त होता है। उन्होंने भौतिक जगत को तीन शिक्षाएं दीं, जिनमें जीवन का सार समाहित है.भगवान बुद्ध की शिक्षाएं भारत की सीमाओं को लांघते हुए पूरी दुनिया में पहुंचीं. दुनिया में एक-दूसरे के प्रति द्वेष देखने को मिल रहा है। इससे मुक्ति का मार्ग भगवान बुद्ध की धरती से निकलता है. जो लोग भारत को अपमानित करते हैं, भारत की गलत छवि प्रस्तुत करते हैं, उनके लिए जवाब इस परिसर से निकलने चाहिए। पूजा पद्दति धर्म का हिस्सा हो सकती है. लोग कई तरह के परम्पराओं का अनुसरण करते हैं. धर्म एक शाश्वत और व्यापक स्वरुप लिए अवधारणा है. गौतमबुद्ध ने हमें ऐसे ही धर्म की प्रेरणा दी है. सुनिए सबकी लेकिन दिग्भ्रमित करने वालों से सावधान रहिए। हमारे पास यदि बुद्धि व विवेक नहीं है तो हम जंजाल में फंसते जाएंगे। पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम फाइटर पायलट बनना चाहते थे, असफल हुए। यदि वे फाइटर पायलट बन जाते तो क्या परमाणु कार्यक्रम के जनक बन पाते? यदि वे फाइटर पायलट बन जाते तो क्या भारत रत्न बन पाते, देश के राष्ट्रपति बन पाते? पलायन किसी भी स्थिति में न हो। परिस्थितियों का सामना करते हुए सकरात्मक मार्ग से हमें आगे बढ़ना है। बुद्ध ने भी कहा था कि अपना मार्ग प्रशस्त करने की तैयारी हमें स्वयं करनी होगी: किसी की बुराई देखने की जगह उसकी अच्छाई देखें। बुराई देखेंगे तो बुराई हमारे भीतर आएगी। अच्छाई देखेंगे तो अच्छाई भीतर आएगी. गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय भारत की छवि को गलत रूप से प्रस्तुत करने वालों को जवाब देने का केंद्र बने। जीवन में संतुलन होना चाहिए। सही व गलत, हर परिस्थिति में एक-सा भाव होना चाहिए। पर्यावरण संरक्षण के लिए हमने एक कार्य अपने हाथ में लिया। पर्यावरण संरक्षण के लिए हमने एक कार्य अपने हाथ में लिया। हमने संकल्प लिया कि 16 नगर निगमों में स्ट्रीट लाइट को बदलकर एलईडी लगाएंगे। एलईडी लाइट लगाने से 125 करोड़ रुपये की बचत हो रही है। यह बचत हम दूसरे लोककल्याणकारी कार्यों में लगा सकते हैं.बिजली की बचत कर हम धन तो बचाते ही हैं, कार्बन उत्सर्जन पर भी रोक लगा सकते हैं। नगर निगमों में लाइट खरीदने के नाम पर जो खेल होता था, उससे भी मुक्ति मिली। लाइट लगाने वाली कंपनी को ही मेंटेनेंस का जिम्मा सौंपा गया.खाद्यान्न वितरण में भी शिकायतें मिलती थीं। अनाज गरीबों के घर तक नहीं पहुंचता था। हमने नई व्यवस्था बनाई। राशन कार्डों का सत्यापन करवाया गया तो 30 लाख फर्जी निकले.कार्ड को आधार से जोड़ा गया। उपभोक्ता को शहर में कहीं से भी अनाज लेने की छूट दी गई। एक साल में सिर्फ 13 हजार दुकानों पर यह प्रयाेग किया गया, जिससे 360 करोड़ रुपये की बचत हुई है.स्टार्ट अप के लिए बजट में अलग से व्यवस्था की गई। उत्तर प्रदेश की विशेषता है कि हर जिले के पास अपना विशिष्ट उत्पाद है.हमारा युवा क्यों बाहर जाएगा, जब उसे अपने जिले में ही काम मिल सकता है? वन डिस्ट्रिक्ट-वन प्रोडक्ट योजना इसी मंशा को पूर्ण करने के लिए लाई गई है.प्रधानमंत्री स्किल डेवलेपमेंट योजना के तहत 4.5 लाख युवाओं को प्रदेश के केंद्रों पर ट्रेनिंग दी गई और उनमें से 2.5 लाख को प्लेसमेंट मिला.