अवैध इमारतों के बिल्डरों पर कसेगा शिकंजा, दर्ज होगा एफआईआर, जीएम प्रोजेक्ट ग्रेनो का तबादला
ग्रेटर नोएडा : ग्रेनो वेस्ट के शाहबेरी गाँव समेत 40 गांवों में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण अवैध इमारतों का सर्वे कराएगा, सर्वे में यह पता लगाया जाएगा कितने अवैध इमारत बने हुए हैं जिस जमीन पर फ्लैट बनाए गए हैं वह प्राधिकरण की अर्जित भूमि है अथवा किसानों की आबादी है. किसानों को आबादी की जमीन पर आवास के लिए से ढाई मंजिल बनाने का अधिकार है. इससे अधिक इमारत अवैध घोषित की जाएगी. सर्वे के बाद अवैध इमारत बनाने वालों के खिलाफ थाने में मामला दर्ज कराया जाएगा.
सर्वे टीम को उन लोगों के नाम की पहचान के निर्देश दिए गए हैं. दरअसल कोलोनाईजेर और बिल्डर किसानों से सस्ती दर पर जमीन खरीदने का निर्माण करते हैं . प्राधिकरण से नक्शा पास नहीं कराया जाता है. इतना ही नहीं ईमारत का नक्शा आर्किटेक्ट से सत्यापित नहीं कराया जाता है . लोगों को गुमराह करने के लिए जन सुविधाएं देने के नाम पर सब्जबाग दिखाया जाता है . फ़्लैट बिकने के बाद खरीदार को सुविधा के नाम पर कोई सुविधा नहीं दी जाती. टीम जल्द अपना कार्य शुरू करेगी जिसके बाद कार्यवाही का सिलसिला शुरू होगा .
इधर इस मामले में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारीयों के खिलाफ कार्यवाही जारी है . ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के महाप्रबंधक परियोजना के .के सिंह का तबादला कर दिया गया है. उन्हें यमुना प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी कार्यालय से अटैच कर दिया गया है . महाप्रबंधक परियोजना होने के नाते के.के. सिंह पर शहर में अवैध निर्माण रोकने की जिम्मेदारी थी लेकिन वह शाहबेरी गांव में अवैध इमारतों के निर्माण को रोकने में विफल रहे. बता दें इससे पहले शासन ने अतिक्रमण हटाओ विभाग की मुखिया विभा चहल का तबादला कर दिया था और दो प्रबंधकों को निलंबित कर दिया है . अभी और अधिकारीयों पर भी गाज गिर सकती है .