शारदा यूनिवर्सिटी: डिज़िटल मीडिया के दौर में मोबाइल जनर्लिज्म पर फोकस ज़रूरी
ग्रेटर नोएडा : शारदा विश्वविद्यालय के जनसंचार विभाग द्वारा “मीडिया एकैडिमिक्स और इंडस्ट्री इंटरफेस” पर फैकल्टी डिवलपमेंट प्रोग्राम चलाया जा रहा है. कार्यक्रम के तीसरे दिन के तहत आज तक, स्टार न्यूज़, सीएनबीसी आवाज जैसे चैनलों के वरिष्ठ पदों पर रहे संजय पुगलिया,एनडीटीवी के वरिष्ठ राजनीतिक संवाददाता अखिलेश शर्मा और आईआईएमसी के प्रो. आनंद प्रधान ने विभाग के शिक्षकों के साथ विचार-विमर्श किया.
संजय पुगलिया ने वर्तमान दौर को डिजिटल मीडिया का दौर बताया और शिक्षकों से डिजिटल मीडिया के लिए नवीन पाठ्यक्रम तैयार करने और उसे प्रभावी तरीके से पढ़ाने पर ज़ोर दिया. उन्होंने कहा कि पत्रकारिता के मूलभूत सिद्धांत वही रहते हैं लेकिन ख़बरों के प्रस्तुतीकरण का तरीका मीडिया प्लेटफॉर्म के मुताबिक बदलता रहता है, इसलिए छात्रों को मीडिया इंडस्ट्री में आ रहे परिवर्तनों के बारे में पढ़ाना ज़रूरी हो गया है।
वहीं आनंद प्रधान ने कहा कि वर्तमान मीडिया में पत्रकारिता मूल्यों और उसकी नैतिकता पर जो गिरावट आई है, उसे दूर करने की ज़रूरत है. छात्रों को क्लासरूम में जो पढ़ाया जाता है, वैसा उनको इंडस्ट्री में दिखाई नहीं देता, ऐसे में मीडिया इंडस्ट्री और एकैडमिक्सके बीच के गैप को खत्म करना भी ज़रूरी है.
वहीं अखिलेश शर्मा ने कहा कि हमारा देश इंडिया से भारत की ओर बढ़ रहा है, बड़े-बड़े मीडिया घराने क्षेत्रीय पत्रकारिता पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं क्योंकि अंग्रेज़ी का दर्शक वर्ग महज 1 फीसदी और हिंदी समेत अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में यह 99 फीसदी है. उन्होंने मोबाइल जनर्लिज्म पर फोकस करने की बात कही क्योंकि इस क्षेत्र में रोज़गार की व्यापक संभावनाएं हैं,आज का युवा मोबाइल टेक्नॉलाजी में बहुत रूचि रखता है और हमारे देश में डिजिटल मीडिया का जिस तरह से विस्तार हो रहा है, ऐसे में राजनीति, खेल जैसे पारंपरिक क्षेत्रों के अलावा पर्यावरण, विज्ञान व तकनीकि, शिक्षा, जीवन-शैली, मनोरंजनजैसी कई अन्य विधाओं की जानकारी रखने वाले पत्रकारों की ज़रूरत पड़ेगी. मोबाइल जनर्लिज्म के लिए मल्टी टैलेंटेड होना ज़रूरी है. इसीलिए डिजिटल मीडिया की ज़रूरतों के मुताबिक पत्रकारिता पाठ्यक्रम में बदलाव होने चाहिए.
कार्यक्रम के अंत में अतिथियों के साथ शिक्षकों ने सवाल जवाब भी किए. 8 जून तक चलने वाले इस कार्यक्रम में मीडिया एजुकेशन और इंडस्ट्री से जुड़े कई मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जाएगा.