शारदा विश्वविद्यालय: मीडिया एकैडिमिक्स और इंडस्ट्री के बीच सामंजस्य ज़रूरी

ग्रेटर नोएडा : शारदा विश्वविद्यालय के जनसंचार विभाग द्वारा “मीडिया एकैडिमिक्स और इंडस्ट्री इंटरफेस” पर फैकल्टी डिवलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम के पहले दिन वरिष्ठ पत्रकार और ओपी जिंदल यूनीविर्सिटी के पत्रकारिता विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर और एसोसिएट डीन किसलय भट्टाचार्य और न्यूज़ 24, इंडिया टीवी के पूर्व मैनेजिंग एडिटर और वरिष्ठ टीवी पत्रकार अजीत अंजुम ने अपने अनुभव शिक्षकों के साथ बांटे. भट्टाचार्य जी ने कहा कि पत्रकारिता शिक्षा और मीडिया इंडस्ट्री एक दूसरे के पूरक हैं, इसलिए एक दूसरे की ज़रूरतों को जानना और समझना ज़रूरी है. वहीं अजीत अंजुम ने कहा कि आजकल के छात्रों को पढ़ने-लिखने में ज्यादा रूचि नहीं है लेकिन वे एंकर और रिपोर्टर बनने के लिए कोर्स करते हैं. ऐसे में मीडिया फैकल्टी की ज़िम्मेदारी बनती है कि वे छात्रों की रूचि को समझें और उसी के मुताबिक उनको पढ़ाएं. उन्हें नियमित तौर अंग्रेज़ी और हिन्दी के दो-दो अख़बारों को पढ़ने के लिए छात्रों को प्रेरित किए जाने पर ज़ोर दिया.

किसलय भट्टाचार्य ने मीडिया के लिए एक रिवैन्यु मॉडल की ज़रूरत पर बल दिया वहीं अजीत अंजुम ने कहा कि पत्रकारिता के छात्रों को एंकर-रिपोर्टर से ऊपर उठकर सोचना चाहिए. सोशल मीडिया के दौर में रोज़गार की असीमित संभावनाएं है, फेक न्यूज़ के दौर में ऐसे पत्रकारों की मांग और बढ़ गई है जो लोगों तक उस ख़बर की सच्चाई पहुंचाए. ऐसे में सबसे मूल बात है कि फैकल्टी छात्रों को “न्यज़सेंस और नॉनसेंस” के बीच के अंतर को सही तरीके से स्पष्ट करें. छात्रों को सही तरह से लिखना आना चाहिए, कॉपी में व्याकरण संबधी अशुद्धियां और तथ्यों की गलतियां बिलकुल नहीं होनी चाहिए. टीवी के लिए विजुअल्स के मुताबिक लिखना आना चाहिए. मीडिया इंडस्ट्री की ज़रूरतों के मुताबिक पाठ्यक्रम में बदलाव होना चाहिए और उसी के अनुरूप शिक्षकों को अपने शिक्षण और प्रशिक्षण के तरीके में बदलाव करना चाहिए.

कार्यक्रम के दूसरे दिन दूरदर्शन, सहारा समय, साधना न्यूज में वरिष्ठ पदों पर रहे और उत्तराखंड के पूर्व सूचना आयुक्त प्रभात डबराल ने टीवी न्यूज़ में आ रही चुनौतियों की बात की, उन्होंने विजुअल्स को टीवी की आत्मा बताते हुए कहा कि ज़रूरत से ज्यादा ग्राफिक्स और शोर-शराबे वाले बहस के कार्यक्रम के बजाय, ख़बर के विभिन्न पहलुओं के बारे में दर्शकों को सहज और सरल तरीके से बताना चाहिए, उन्होंने मोबाइल जनर्लिज्म को टीवी के लिए उपयोगी बताया. वहीं टाइम्स ऑफ इंडिया में रहे वरिष्ठ पत्रकार और सिंबोसिस, एमिटी यूनिवर्सिटी के पत्रकारिता विभाग के प्रमुख रहे प्रो. उज्जवल चौधरी ने छात्रों को डिज़िटल मीडिया के बारे में पढ़ाने पर ज़ोर दिया क्योंकि डिजिटल मीडिया में करियर का स्कोप आज के दौर में सबसे ज्यादा है. एक मीडिया फैकल्टी के तौर पर हमें छात्रों को डिग्री होल्डर से ज्यादा स्किल्ड और नॉलेज होल्डर बनाना चाहिए. उन्होंने शिक्षकों से कहा कि छात्रों को ब्लॉग लेखन, वीडियो रिपोर्टिंग, सोशल मीडिया के ट्रेंडिग टॉपिक्स की सच्चाई वाली ख़बरों के बारे में रिसर्च करके लिखवाएं, उसे विभाग के न्यूज़लेटर या न्यूज़पेपर में छपवाएं ताकि छात्रों का एक मजबूत पोर्टफोलियो कोर्स के दौरान ही बन जाए जो उन्हें इंडस्ट्री में प्लेसमेंट दिलाने में मदद करेगा.

फैकल्टी डिवलपमेंट प्रोग्राम के महत्व के बारे में विभाग के डीन प्रोफेसर सुभाष धूलिया ने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों का उद्देश्य समाचार और मीडिया उद्योग में हो रहे नवीनतम रुझानों के बारे में जानना और समझना होता है. डिज़िटल मीडिया के दौर में आ रहे परिवर्तनों के बीच मीडिया शिक्षकों और इंडस्ट्री के बीच के गैप को दूर करके उनके बीच सामंजस्य स्थापित करना बेहद ज़रूरी हो गया है. इससे मीडिया शिक्षाविदों और उद्योग के बीच बेहतर समझ विकसित होती है जो पत्रकारिता शिक्षा और अभ्यास पर हमारा दृष्टिकोण स्पष्ट करता है जिससे छात्रों को ज़िम्मेदार नागरिक और बेहतर पत्रकार बनाने में सहायता मिलती है.

कार्यक्रम में जनसंचार विभाग के प्रमुख डॉ अमित चावला, प्रोफेसर इकबाल अहमद समेत अन्य शिक्षक रवि उपाध्याय, रोहिन, अरुणेश द्विवेदी, दिव्या, नेहा, मुक्ता, सोनाली, प्रियंका और अशरफ अली मौजूद रहे. विशेषज्ञों के साथ शिक्षकों ने सवाल जवाब भी किया. फैकल्टी डिवलेपमेंट प्रोग्राम 4 जून से 8 जून 2018 तक चलेगा. इस दौरान वरिष्ठ पत्रकार राहुल देव क्विंट के मैनेजिंग एडिटर संजय पुगलिया, ज़ी मीडिया डिजिटल के ग्रुप एडिटर प्रसाद सान्याल, एनडीटीवी, बीबीसी, टाइम्स नाउ और रिपलब्कि में कार्यरत रहीं वरिष्ठ टीवी पत्रकार श्वेता कोठारी, एनडीटीवी के पॉलिटिकल एडिटर और एंकर अखिलेश शर्मा और पर्ल एकेडमी के स्कूल ऑफ मीडिया के डीन प्रो. उज्जवल के चौधरी, मीडिया एजुकेशन और इंडस्ट्री से जुड़े मुद्दों पर विभाग के शिक्षकों के साथ संवाद करेंगे.

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