राम लीला मैदान पर जुटे सरकारी कर्मचारी, पेंशन योजना बहाल करने की मांग
भारत सरकार के द्वारा वर्ष 2004 में सरकारी कर्मचारियों की पेंशन खत्म कर दी गयी थी जिसके विरोध में बुधवार को राम लीला मैदान दिल्ली में सैकड़ों की तादात में एकत्र हुए सरकारी कर्मचारियों ने भारत सरकार से मांग की है कि पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया जाये ताकि सरकारी सेवाओं में काम करने वाले के लोगों के परिवार का पालन पोषण हो सके.
दरसल 1 अप्रैल 2004 में बीजेपी की सरकार के द्वारा सरकारी कर्मचारियों की पेंशन योजना को खत्म कर दिया गया था. इसका विरोध करने वालों में मेरठ मण्डल अध्यक्ष अटेवा अजयपाल नगर का कहना है कि सरकार के द्वारा लागू की गई एनपीएस योजना जो कि शेयर बाजार पर निर्भर है और इसमें पैसे की कोई ठोस गारेंटी नही होती जिससे सरकारी कर्मचारियों का भविष्य अधर में नजर आरहा है . कपिल चौधरी संयुक्त सचिव फार्मासिस्ट एसोसिएशन उत्तर प्रदेश का कहना है कि सरकार को देश की सेवा में लगे सैनिकों को छोड़कर या सभी विभागों सहित नेताओ के भी पेंशन या तो खत्म कर देनी चाहिए या फिर सभी को समानता का अधिकार दिया जाए।
उन्होंने कहा भारत सरकार के द्वारा वर्ष 2004 में सरकारी कर्मचारियों की पेंशन खत्म कर दी गयी थी जिसके विरोध में बुधवारको राम लीला मैदान दिल्ली में सैकड़ों की संख्या में सरकारी कर्मचारी एकत्र हुए हैं और भारत सरकार से मांग कर रहे हैं की पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया जाये ताकि सरकारी सेवाओं में काम करने वाले के लोगों के परिवार का पालन पोषण हो सके.
सुरेश नागर, कुलदीप नागर, मनीष तिवारी, जितेंद्र कुमार, अशोक कुमार, एनएमओपीएस (NMOPS) के अध्यक्ष विजय कुमार बंधु जिलाध्यक्ष रंजन मिश्र की अध्यक्षता में इस विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए देश भर से सरकारी कर्मचारी दिल्ली के जंतर मंतर पहुंचे थे . ONE MISSION OLD PENSION के अष्ट्रीय अध्यक्ष का कहना था कि पुरानी पेंशन बहाल होने तक आंदोलन जारी रहेगा. सरकार को इस फैसले को फौरन वापस लेना चाहिए ताकि सरकारी कर्मचारियों को अपने व अपने परिवार का पालन पोषण कर सके. नौकरी से सेवानिवृत होने के बाद अपना बुढ़ापा आराम से गुजार सके .