खुद की मौत का नाटक रचने वाले आरटीआई एक्टिविस्ट को मिली जमानत
ग्रेटर नोएडा : खुद की मौत का नाटक रचने वाले आरटीआइ एक्टिविस्ट चंद्रमोहन को हाइकोर्ट से जमानत मिल गई है। जमानत का परवाना आज शाम साढ़े छह बजे जिला जेल पहुंचा। परवाने की तकनीकी खामी के चलते मंगलवार को चंद्रमोहन को जेल से रिहा नहीं किया गया है। बुधवार को परवाना संशोधित होकर फिर से जिला जेल भेजा जाएगा। इसके बाद चंद्रमोहन की रिहाई होगी। चंद्रमोहन को चार साल बाद कोर्ट से जमानत मिली है।
बता दें ग्रेटर नोएडा शहर के अल्फा दो सेक्टर में रहने वाले आरटीआइ कार्यकर्ता चंद्रमोहन ने बीते दो मई 2014 को खुद की मौत का स्वांग रचा था। आरोप है कि चंद्रमोहन शादीशुदा है और उसने प्रेमिका के चक्कर में मानसिक रूप से विक्षिप्त व्यक्ति को अपनी कार में बैठा कर आग लगा दी थी। जिससे कि लोग यह समझें कि कार में उसकी जलकर मौत हो गई है।
आरटीआइ कार्यकर्ता की खुद की मौत का स्वांग रचने से पर्दा अगस्त 2014 को उठा, जबकि कासना पुलिस बेंगलुरु से चंद्रमोहन को जिन्दा पकड़ कर ले आई। उस दौरान पता चला था कि प्रेमिका के साथ रहने के लिए उसने खुद की मौत का स्वांग रचा था। चंद्रमोहन के स्वांग के बाद कासना कोतवाली में सात मई को एक युवती की गुमशुदगी दर्ज की गई थी। जिसके बाद पुलिस को शक हो गया था कि चंद्रमोहन जिन्दा हो सकता है और शक के आधार पर पुलिस ने चंद्रमोहन को बेंगलुरु से जिन्दा बरामद किया था। जेल अधीक्षक विपिन मिश्रा ने बताया कि परवाने में कमी के चलते आज मंगलवार को चंद्रमोहन की रिहाई नहीं हुई है। परवाना को संशोधन के लिए भेजा गया है।