IIMT में आचार्य प्रशान्त का व्याख्यान , कहा जो आप के पास होगा वही आप दे पायेंगे
ग्रेटर नोएडा : हम अपने छात्रो को क्या दे रहे हैं यह इस पर निर्भर करता है कि हमने अपने आप को कैसे समझा और जाना है । जो आप के पास होगा वही आप दे पायेंगे ,इसलिये पहले खुद को बदलो । समाज-परिवार से आपका क्या और कैसा रिश्ता है वैसा ही रिश्ता छात्रो से भी होगा।तुम बदल जाओगे तो तुम्हारा संसार भी बदल जायेगा। ये बाते अद्वैत आन्दोलन के संस्थापक आचार्य प्रशान्त ने नॉलेज पार्क3 स्थित आई आई एम टी कॉलेज समूह में “मैं और मेरा संसार,शान्ती या टुकडे” विषय पर ब्याख्यान देते हुए कहा।
संसार में जितने तरह के लोग है वे सब अलग अलग हैं उनमे एक ही बात सामान है वे है बेचैनी । बेचैनी का दुसरा नाम की दुख है ,जो बेचैन है उसकी बेचैनी का कारण वह स्ंवम है ।जब तुम्हारा कोई भी तथ्य, तुम्हारे अपने ध्यान से निकलता है, तुम्हारी अपनी समझ से निकलता है, तो उसके पीछे एक ज़ोर होता है, एक ऊर्जा होती है, एक गति होती है, फिर तुम्हें रोका नहीं जा सकता। क्योंकि जो हो रहा होता है, वो तुम्हारे अपने विवेक के फलस्वरुप हो रहा होता है। फिर तुम सफलता तलाशते नहीं क्योंकि प्रतिक्षण ही तुम्हारी सफलता है।
कार्यक्रम के संयोजक आईआईएमटी कालेज ऑफ इंजीनियरिंग के निदेशक डॉ. डी आर सोमशेखर ने कहा कि आचर्य प्रशान्त ने वास्तविक ज्ञान देकर आत्मविस्वास और शक्ती का संचार किया है। सफलता और असफलता से उपर उठकर कठिन परिश्रम पर ध्यान देना चाहिए। अगर आप ऐसा करेंगे तो निश्चय ही सफलता आपके कदम चूमेंगी। नयी उर्जा प्रवाहित करने के लिये आचर्य प्रशान्त का धन्यवाद किया ।