संसद सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित, ट्रिपल तलाक बिल लटका
नई दिल्ली : मुस्लिमों के एक वर्ग में प्रचलित तीन तलाक यानी इंस्टेंट ट्रिपल तलाक प्रथा को रोकने के मकसद से लाया गया बिल राज्यसभा में लटक गया है और आज आखिरी दिन पारित नहीं हो सका. आखिरी दिन विपक्ष और सरकार के बीच इस बिल के कुछ प्रावधानों को लेकर सहमति नहीं बन पाई और आखिरकार संसद सत्र को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया.
दरअसल लोकसभा से मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक पिछले हफ्ते ही पारित किया गया था, राज्य सभा में बहुमत न होने के कारण सरकार को इस पर विपक्षी दलों की जरूरत थी. कांग्रेस, बीजेडी और टीडीपी समेत 17 दलों की एक ही आवाज़ है, तीन तलाक को रोकने के लिए बनाए जा रहे बिल को पहले सेलेक्ट कमेटी में भेजा जाए. इन दलों की तरफ से यही तर्क दिया जा रहा था कि यह मुद्दा संवेदनशील है, लिहाजा इसमें विपक्ष की बात को भी समझा जाए और इसमें विपक्ष के सुझावों को मानकर आगे बढ़ा जाए.
विपक्ष की मांग थी कि तीन तलाक देने के मामले में शौहर को दिए जाने वाले तीन साल की सजा के प्रावधान को खत्म किया जाए. इनका तर्क है कि अगर शौहर जेल गया तो फिर महिला को गुजारा भत्ता कौन देगा?
कांग्रेस लगातार सेलेक्ट कमेटी में बिल भेजने की मांग करती रही, वहीं सत्ता पक्ष इस बिल को प्रवर समिति में न भेज मौजूदा प्रारूप में ही पारित कराने पर अड़ा रहा. राज्यसभा में कांग्रेस के उपनेता आनंद शर्मा की तरफ से एक प्रस्ताव रखा गया, जिसमें इस बिल को सेलेक्ट कमेटी में भेजने की बात कही गई. इस पर जेटली ने आपत्ति जताते हुए कहा कि किसी भी संशोधन प्रस्ताव को पेश करने से एक दिन पहले इसका नोटिस देना ज़रूरी है. साथ ही उन्होंने विपक्ष द्वारा सुझाए गए प्रवर समिति के सदस्यों के नामों के बारे में कहा कि ये सदन का समुचित प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं. इसे लेकर राज्यसभा में गुरुवार को काफी नोंक-झोंक भी हुई.
वहीं आज राज्यसभा के शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन इस बिल पर कोई चर्चा ही नहीं हुई. राज्यसभा से विदा ले रहे सदस्यों को शुभकामनाएं देने के बाद सभापति वेंकैया नायडू ने सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के स्थगित करने की घोषणा की.