प्रदूषण से स्थायी मुक्ति के समाधान में जुटा वेदार्णा फाउंडेशन
ग्रेटरनोएडा : दिल्ली सहित राष्टिय राजधानी क्षेत्र के लिये अब यह कोई खबर नहीं, बल्कि एक रुटीन जिंदगी का हिस्सा हो चला है कि अक्टूबर जाते जाते आकाश मै धुंध की काली चादर दिखेगी, जिसे स्माग के नाम से जाना जाएगा। यह चादर कुछ दिन रहैगी, लोग घरों से निकलना कम कर देगे, मोर्निंग वॉक बंद हो जायेगी, प्रशासन पराली या कूड़ा ना जलाने का राग शुरू करेगा, स्कूल बंद करेगा, ज्यादा से ज्यादा कुछ दिनो के लिये कुछ उद्दोगो को बंद करा दिया जाएगा। यह सब होगा, लेकिन वह कभी नही होगा, जो हर साल इन दिनों मे आने वाली इस गम्भीर समस्या का स्थायी समाधान निकाल सके।
अब सास लेने मै दिक्कत हो रही है, तो हम वायु प्रदूषण की बात कर रहे है, जब गर्मियों मै पानी की किल्लत होती है और खराब गुणवत्ता का पानी मिलता है, तो जल प्रदूषण की बात करते है और दिपावली के आस पास ध्वनि प्रदूषण पर चर्चा करते है। हम सब इतने स्वार्थी हो चुके है कि जब तक खुद की जान पर न बन आए, खुद परेशानीयो से न घिरे, तब तक प्रदूषण जैसी गंभीर समस्या के स्थायी समाधान की बातें हमें वक़्त की बर्बादी लगती है।
इसी दिशा मे स्वास्थ्य और पर्यावरण को समर्पित सामाजिक संस्था वेदार्णा फाउंडेशन काफी समय से प्रयासरत है, जिसके तहत यह संस्था समय समय पर पौधरोपण औऱ जन जागरूकता अभियान चलाकर लोगो को प्रदूषण के खलनायकों जैसे डीजल की गाड़ियों का धुंआधार चलन, बिल्डर्स द्धारा बैलगाम निर्माण कार्य, कोयला आधारित बिजली व अन्य सयत्रो पर नियंत्रण, खैतो मै पराली जलना, सड़को पर धूल और कार्बन के कण, खुले मे शौच और कूड़ा डालने की आदत इत्यादि की समाप्ति के लिए प्ररित कर रही है।
वेदार्णा फाउंडेशन के निदेशक डॉ०कुलदीप मलिक के अनुसार आज कल जहां दिल्ली सहित पूरे राष्टिय राजधानी क्षेत्र के लोग प्रदूषण पर केवल बातै कर रहे है, वही वेदार्णा टीम ग्रेटर नोएडा मै नॉलेज पार्क और कुछ आवसीय सेक्टरों मै नष्ट हो चुके पोधों की जगह नये पौधे लगाने के अभियान मै वयस्त है, जिसमें कई इंजीनियरिंग कॉलेज के शिक्षक और छात्र वेदार्णा टीम का बढ़ चढ़कर साथ दे रहे है।