दो मिनट में इंटरनेट की मदद से लग्जरी कार पार कर देने वाले बदमाश गिरफ्तार
नोएडा : थाना सेक्टर-39 पुलिस ने लग्जरी कारों की चोरी करने वाले एक अन्तर्राज्य वाहन चोर गिरोह के छह सदस्यों को गिरफ्तार किया है। वहीं इनके 5 साथी अभी भी फरार हैं। पुलिस ने इनके पास से एनसीआर क्षेत्र से चोरी की गई 7 लग्जरी कारें बरामद किया है। गिरफ्तार बदमाश करीब 17 साल से वाहन चोरी के धंधे में संलिप्त हैं। इन लोगों ने अभी तक एक हजार से ज्यादा वाहन चोरी करना स्वीकार किया है। पुलिस के अनुसार पकड़े गए बदमाशों में से दो दिल्ली में मकोका में जेल में बंद रहे हैं। एसएसपी लव कुमार ने बताया कि बीती रात को गश्त पर निकली थाना सेक्टर-39 पुलिस ने एक सूचना के आधार पर सेक्टर 106 के पास से 6 वाहन चोर रवि उर्फ भूप सिंह निवासी मथुरा, विपिन निवासी मथुरा, सुजान निवासी भरतपुर , सर्वेश निवासी इटावा , लक्ष्मीनारायण निवासी भरतपुर, गौरव तोमर निवासी मध्य प्रदेश मुरैना को गिरफ्तार किया है। इनकी निशानदेही पर पुलिस ने एनसीआर क्षेत्र से चोरी की गई कारें बरामद किया है। जिसमें दो क्रेटा, 2 होंडासिटी , दो हौंडा इमेज , एक स्विफ्ट एक Swift कार है एसएसपी लव कुमार ने बताया कि पकड़े गए बदमाश बदमाशों के पास साथी फरार हैं जिनके नाम राज भाटिय़ा सुबोध यादव मोंटू राजू शर्मा व रहमान है उन्होंने बताया कि पूछताछ के दौरान पकड़े गए आरोपियों ने पुलिस को बताया कि वह डिमांड के आधार पर लग्जरी कारें चोरी करते रहे कार्य चोरी करने के बाद रहमान चोरी के कारणों का फर्जी कागज बनाता है तथा उसे मोटे दाम पर बेच दिया जाता है एसएसपी ने बताया कि इन लोगों के पास लग्जरी कारों के ताले तोड़ने के ताला तोड़ने में प्रयोग होने वाली प्रोग्रामिंग मशीन बैटरी के बैटरी से चलने वाली ड्रिल मशीन 17 गाड़ियों के बने हुए फर्जी आसी आसी मोबाइल फोन बरामद किया गया है उन्होंने बताया कि इतने शातिर है कि किसी भी कार को मात्र 2 मिनट में कॉल कर उसे चोरी कर लेते थे एसएसपी ने बताया गिरफ्तार बदमाशों में रविवार को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था इन लोगों के ऊपर दिल्ली पुलिस ने मकोका के तहत कार्यवाही किया था यह लोग 5:30 से जेल बंद रहे रवि के ऊपर दिल्ली के विभिन्न स्थानों में मुकदमा दर्ज हैं जबकि दिल्ली के विभिन्न स्थानों में 18 मुकदमे दर्ज हैं ने बताया कि गिरफ्तार जेल जा चुके हैं उन्होंने बताया गिरफ्तार रवि और पुलिस को बताया कि वह आज तक उन्होंने दावा किया है चोरी किया है
इंटरनेट की मदद से ऐसे करते थे गाड़ी पार
पकडे गए ये शातिर चोर अपनी कार से चोरी करने जाते थे। घर के बाहर या पार्किंग में खड़ी कार के बराबर में ये अपनी गाड़ी लगते थे। फिर पेचकस जैसे औजारों के जरिए दरवाजे को खोल देते थे । इसके बाद ई सी एम से एक्स टूल किट से कनेक्ट करके इंटरनेट पर सॉफ्टवेयर के जरिए कंपनी के सर्वर से पिन जनरेट कर लेते और ओल्ड सेक्यूरिटी पिन को मिटाकर नया पिन जनरेट कर लेते । गाड़ी स्टार्ट कर आसानी से ले जाते। मारुती से लेकर फरारी तक ये सब को आसानी से चुरा सकते है। ये चोर गाड़ी को चुराने के बाद इसे पूर्वोत्तर राज्यों में 2 से 3 लाख में बेच देते । गाड़ी चुराने के बाद ये उस गाड़ी की इंजिन ओर चेसिस नम्बर आगे वाली टीम को बढ़ा देते और इनकी दूसरी टीम का सरगना उस गाड़ी आर सी ओर इंश्योरेंस तैयार कर मार्केट में बेच देता था।