कवि-लेखक ओम रायज़ादा ने संभाली महिलाओं के सामाजिक उत्थान और पर्यावरण को ठीक करने की कमान
ग्रेटर नोएडा : शहर के लोकप्रिय कवि, लेखक और विचारक श्री ओम रायज़ादा ने महिलाओं के सामाजिक उत्थान और पर्यावरण के सुधार को एक ही कार्य से पूर्ण करने का बीड़ा उठाया है ।
श्री रायज़ादा ने बताया कि वह ग्रेटर नोएडा की प्रशक्षित व बेरोजगार महिलाओं से घरों में प्रयोग होने वाले साधारण झोलों का निर्माण करा कर इसे भारत वर्ष के हर घर में इसे पहुंचना चाहते हैं जिससे पर्यावरण को ज़हरीला बनाने वाली पॉलीथिन का प्रयोग समाप्त हो सके । वह चाहते हैं भारत का हर घर बीते समय की तरह झोलों का प्रयोग करे । इसके लिए वह केवल लागत मूल्य पर बिना किसी मुनाफा कमाए इन झोलों को भारत वर्ष के सभी घरों को देंगे । रायज़ादा जी ने बताया कि ज़हरीली पॉलिथीन व प्लास्टिक ने पर्यावरण को जो क्षति पहुंचाई है उसे हज़ारों वर्षों तक ठीक नहीं किया जा सकता है । श्री ओम रायज़ादा ने इस कार्य के लिए एमिटी ह्यूमैनिटी फॉउंडेशन द्वारा संचालित सिलाई ट्रेनिंग केंद्र से लड़कियों और महिलाओं का चुनाव किया है ।