श्री धार्मिक रामलीला सेक्टर पाई की सम्पूर्ण रामलीला देखने पहुंचे केबिनेट मंत्री लक्ष्मीनारायण, बीकानेर, जोधपुर के कलाकार कर रहे हैं रामलीला का सुंदर मंचन
ग्रेटर नोएडा । श्री धार्मिक रामलीला कमेटी ग्रेटर नोएडा द्वारा आयोजित दशहरा महोत्सव 2017 के अंतर्गत आर्ट एंड कल्चर फाऊंडेशन के कलाकार सम्पूर्ण रामलीला का मंचन कर रहे हैं। सभी कलाकार बीकानेर और जोधपुर के हैं जो ध्वनि एवं प्रकाश के माध्यम से गोस्वामी सुशील जी महाराज के निर्देशन में अभिनय कर रहे हैं।
आज का मंचन देखने मुख्य अतिथि के रूप में केबिनेट मंत्री लक्ष्मीनारायण धार्मिक रामलीला पहुंचे। उनके साथ विधायक ठाकुर धिरेन्द्र सिंह, जिलाध्यक्ष श्री विजय भाटी मौजूद थे। सम्पूर्ण रामलीला का मंचन देखना अतिथियों के लिए एक नया सुखद अनुभव था। इस मौके पर आनंद भाटी अध्यक्ष, शेर सिंह भाटी, ममता तिवारी, अजय नागर, इलम सिंह नागर, चैनपाल प्रधान धीरेंद्र भाटी बालकिशन शफीपुर सुशील नागर धर्मेंद्र भाटी , महेश शर्मा, गजेंद्र दत्त ,ब्रजपाल नागर, प्रदीप पण्डित, अर्चना, रोशनी, पिंकी मौजूद रहे।
अध्यक्ष आनंद भाटी ने बताया सम्पूर्ण रामलीला का मंचन हाल में आये शहरवासियों के लिए एक नया अनुभव है। समय के आभाव में लोग कई महत्वपूर्ण प्रसंगों को देखने से वंचित रह जाते थे। इस वर्ष श्री धार्मिक रामलीला कमेटी ने सम्पूर्ण रामलीला का आयोजन कर लोगों को सारे प्रसंगों से अवगत कराने का प्रयास किया है।
आज ग्रेनो न्यूज की टीम ने विभिन्न प्रसंगों का मंचन किया। जिसमे विभीषण का श्री राम की शरण में आना, रावण संवाद, हनुमान जी द्वारा संजीवनी बूटी लाना, लक्ष्मण युद्ध , लक्ष्मण मूर्छित होना मंचन प्रस्तुत किया गया।
लीला में रावण पुत्र मेघनाद को युद्ध के लिए भेजता है। मेघनाद राम सेना को व्याकुल कर देता है। लक्ष्मण श्रीराम का आशीर्वाद लेकर मेघनाद से युद्ध करने के लिए आते हैं। युद्ध में मेघनाद लक्ष्मण के ऊपर ब्रह्मास्त्र का प्रयोग कर उन्हें मूर्छित कर देता है। राम सेना में हाहाकार मच जाता है। विभीषण की सलाह पर लंका से सुषेन वैद्य को लाया जाता है। वह हिमालय से संजीवनी बूटी लाने को कहते हैं। हिमालय पर पहुंच कर हनुमान जड़ी-बूटी को पहचान नहीं पाते तो पूरे पहाड़ को लेकर आते हैं। संजीवनी बूटी से लक्ष्मण होश में आ जाते हैं। राम दल में खुशी की लहर दौड़ जाती है। हनुमान के संजीवनी लाने की लीला देखकर सभी श्रद्धालु आनंदित हुए। मैदान श्रीराम-लक्ष्मण की जय-जयकार से गुंजायमान था।