स्वार्थी राजनेताओं ने आजादी का सबसे ज्यादा फायदा उठाया
(लेखक धीरेंद्र कुमार):भारत की आजादी का सबसे ज्यादा फायदा हमारे राजनेताओं ने उठाया खासकर भ्रष्ट और स्वार्थी राजनेताओं ने|पीछले 70 सालों में भ्रष्ट और स्वार्थी राजनेता तथा उनके लोग तो लगातार समृद्ध होते गए किन्तु आम जनता और देश को गरीबी, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, अपराध, बाढ़, सुखाड़ और कश्मीर जैसी बड़ी समस्याओं से भी मुक्ति नहीं मिली, दरससल भ्रष्ट और स्वार्थी राजनीति हीं हमारी सभी बड़ी समस्याओं की जड़ बन गई| स्थिति इतनी भयावह हो गई है कि समाज के सभी वर्गों के अधिसंख्य लोग इन घोर समस्याओं से जूझ रहे हैं| कितने पीएचडी, बी.टेक और एम.टेक किये हुए योग्य लोग चपरासी और सिपाही में भर्ती के लिए आवेदन दे रहे हैं किन्तु उन्हें वह भी नहीं मिल रहा है|हम देख रहे हैं कि अंग्रेजों के बनाए हुए रोड, बिल्डिंग्स और पुल 100 सालों से ज्यादा चले जबकि हमारे नेताओं के बनाए हुए रोड, बिल्डिंग्स और पुल 1-5 साल में हीं चूने और टूटने लगते हैं|इजराईल भारत के बाद स्वतंत्र हुआ, भारत से 160 गुणा छोटा है फिर भी उसे कोई आँख नहीं दिखा सकता| जबकि हमें 70 सालों से पाकिस्तान जैसा असफल देश भी पानी पिलाए हुए है| 1945 में पूरी तरह बर्बाद होने के बाद जापान सिर्फ 25 बर्षों में विश्व का दूसरा आर्थिक महाशक्ति बन गया | पिछले 70 सालों में चीन की इकोनोमी हमसे 7 गुनी बड़ी हो गई l जबकि स्वार्थ पूर्ण राजनीति ने हमारे कश्मीर जैसे स्वर्ग को भी नरक बना दिया जिसका 70 सालों से हम भारी कीमत चुका रहे हैं |हमारे राजनेता हीं 130 करोड़ जनता की किश्मत लिखते हैं | इन किश्मत लिखने वालों में जबतक स्वार्थ और भ्रष्टाचार की जगह देशप्रेम, त्याग और सेवा की भावना नहीं आयेगी तबतक स्थिति भयावह हीं रहेगी , जब तक राजनेताओं की कुर्सियों से जुड़े फायदे ख़त्म नहीं किये जाएंगे तबतक भ्रष्ट और स्वार्थी लोगों का हीं बोलबाला रहेगा एवं देश और समाज के प्रति समर्पित लोग हासिए पर हीं रहेंगे|हमारे देश के कुछ सम्मानित लोगों ने ठीक हीं कहा है कि जब भगत सिंह, चंद्रशेखर, राजगुरु और खुदी राम बोस जैसे अनेकों वीरों ने देश सेवा में अपनी जान कुर्बान कर दी तो उसी देश सेवा के लिए अभी के नेताओं को वेतन, पेंशन और इतनी सुविधाएं क्यों चाहिए? उनके अनुसार भारत की राजनीतिक स्वछता के लिए नेताओं द्वारा धोखेबाजी करने पर सख्त सजा जरुरी है|एक और बड़ी विडम्बना है यह है कि हमारे यहाँ चपरासी, सिपाही और कुली तक बनने के लिए न्यूनतम शिक्षा और अच्छा चरित्र अनिवार्य है किन्तु लोगों का भाग्य विधाता राजनेता बनने के लिए नहीं |
स्थाई समाधान
हमारे करोड़ों लोग और अधिकांश टीवी चैनल्स सिर्फ समस्याओं की चर्चा करने में लगे हैं जबकि सिर्फ समस्याओं की चर्चा करने से समाधान कभी नही निकलेगा | आम लोगों को खुशहाल, समस्याओं के स्थाई समाधान और देश को फिर से विश्व गुरु बनाने के लिए नीचे लिखे संविधान संशोधनों द्वारा हमारे राजनीति को स्वच्छ, जिम्मेवार और निःस्वार्थ बनाना हीं होगा |
1. नेताओं के बेतन, भत्ते और पेंशन ख़त्म करके सिर्फ कार्य आधारित गुजारा भत्ता दिया जाय l विधायकों को प्रति ब्यक्ति राष्ट्रीय औसत आय (बर्तमान में नौ हजार रु/माह) का 3 गुणा, सांसदों को 4 गुणा, मंत्रियों को 5 गुणा, मुख्य मंत्रियों /राज्यपालों को 6 गुणा, प्रधानमंत्री / उपराष्ट्रपति को 7 गुणा एवं राष्ट्रपति को 8 गुणा l पद छोड़ने के बाद कोई पेंशन, भत्ता एवं सुविधा नही|
2. अच्छा चरित्र जरुरी किया जाय |
3. न्यूनतम शिक्षा जरुरी किया जाय -विधायकों/सांसदों के लिए 12वीं एवं उससे ऊपर के सभी पदों के लिए स्नातक |
4. देश और समाज की सम्पत्ति का नुकसान करने पर नेताओं एवं समर्थकों से दोगुणा राशि वसूल किया जाए |
5. नेताओं के भ्रष्ट, आपाराधिक और देश विरोधी कामों के लिए इन्हें शीघ्र, सख्त और सार्वजनिक रूप से दंड दिया जाएl
उपरोक्त संविधान संशोधन कराना आसान नहीं होगा किन्तु यदि देश के आम लोग चाह लें तो ये असंभव भी नहीं है क्योंकि आखिर ये देश आम लोगों का ही है और वही इसके असली मालिक हैं|
लेखक परिचय
धीरेंद्र कुमार (संपर्क सूत्र: 7086044292)
(डाक्टर बन कर आर्मी ज्वाइन किया, कारगिल वार (ऑप विजय) और ब्रिग बिपिन रावत (बर्तमान सेनाध्यक्ष) के नेतृत्व में यू. एन. मिशन में भाग लिया,कमांडिंग ऑफिसर का तीन अति सफल टेन्योर पूरा किया, सर्विस के दौरान कारगिल वार तथा यू. एन. मिशन सहित ४ बार प्रशंशा पत्र मिले |08 अप्रैल 18 को, नियत समय से 6 साल पहले आर्मी सर्विस छोड़कर मास्टर मूवमेंट 2018 शुरू)