आईटीएस डेंटल कॉलेज में चेहरे की सुन्दरता निखारने पर कार्यशाला का आयोजन
ग्रेटर नोएडा : आईटीएस डेंटल काॅलेज मे बोटोक्स एवं डर्माफिलर पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन कोरिया की कम्पनी मोनोलीसा के साथ मिलकर किया गया।
अगर आपके चेहरे पर बनी झुर्रियों की वजह से आप सबके सामने आपके आत्मविश्वास में कमी आ रही है, तो आपको चिंता करने की जरूरत नही है। अब आपके चेहरे पर बनी झुर्रियों का इलाज दंत चिकित्सक द्वारा भी सम्भव हैयह बात आई0 टी0 एस0 डेंटल काॅलेज के निदेशक प्रधानाचार्य डाॅ0 अक्षय भार्गव ने संस्थान में आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला में चिकित्सकों और छात्रों को सम्बोधित करते हुए कही।
कार्यशाला में सौन्दर्य चिकित्सा के क्षेत्र में हो रही नई – नई तकनीकियों के बारे में विशेषज्ञों द्वारा जानकारी दी गयी। भविष्य में चेहरे के सौन्दर्यरिकरण निखारने में दंत चिकित्सकों का काफी महत्वपूर्ण योगदान होगा। आजकल की भाग दौड़ भरी जिन्दगीं में समय से पहले लोगो के चेहरे पर झुर्रियां पड़ जाना बड़ी आम बात है लेकिन प्रति स्पर्धा के इस दौर में उनकों सुन्दर और आकर्षक दिखना भी जरूरी है। लोगो की सुन्दरता बढ़ाने में चिकित्सकों का बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान रहेगा, उक्त विचार इंडियन एसोसिएशन आॅफ फेशियल एस्थेटिक के निदेशक डाॅ0 शौर्य शर्मा ने आई0टी0एस0 डेन्टल काॅलेज मे आयोजित दो दिवसीय बोटोक्स एवं डर्माफिलर की कार्यशाला के दौरान दिल्ली एन0सी0आर0 से आये चिकित्सकों और एम0डी0एस0 के छात्रों को सौन्दर्यकरण पर प्रशिक्षण देने के कही।
दिनांक 16.03.18 एवं 17.03.18 तक चलने वाली इस दो दिवसीय कार्यशाला में डाॅ0 शौर्य शर्मा के साथ मशहूर सौन्दर्य विशेषज्ञ डाॅ0 अर्थय राज गोपाल कार्यशाला में शामिल 50 से अधिक चिकित्सकों को लोगो की मुस्कुराहट को खूबसूरत बनाने, चेहरे की बेडोल बनावट को ठीक करने , गम्मी स्माइल को ठीक करने तथा चेहरे एवं माथे के ऊपर से झुर्रियां हटाने की विधि बतायी।
उन्होने बताया कि किस तरह आज दंत चिकित्सक भी चेहरे की सुन्दरता को बढ़ाने के लिए बोटोक्स एवं डर्माफिलर का उपयोग कर सकते है। जिससे मरीज को जवान बने रहने में सहायता मिलती है।
अपने व्याख्यान में डाॅ0 राजगोपाल ने बताया कि बोटोक्स का इस्तेमाल ना केवल जवान दिखने तक सीमित है अपितु चेहरे एवं मुख की कई बीमारी जैसे- एम0पी0डी0एस0, मासपेसियों की अतिवृद्धि में भी किया जा सकता है।
कार्यशाला के सफल आयोजन के लिये निदेशक प्रधानाचार्य डाॅ0 अक्षय भार्गव ने आयोजकों की पूरी टीम को बधाई देते हुए कहा कि संस्थान का हमेशा से यही प्रयास रहा है कि दंत चिकित्सकों और विद्यार्थियों को आधुनिक तकनीकों की जानकारी दी गयी जिससे मरीजों को अधिकतम लाभ मिल सके।
कार्यशाला में भाग लेने आये सभी चिकित्सकों ने इस पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि इस कार्यशाला से उन्हे काफी कुछ सीखने को मिला है जिससे वे मरीजों का इलाज आसानी से कर पायेंगे।